भारत में तेजी से पैर पसार रहा आईएसआईएस, 14 गिरफ्तारी बड़ा सुबूत
नई दिल्ली। शुक्रवार को गणतंत्र दिवस के सुरक्षा उपायों के मद्देनजर 14 लोगों को हिरासत में लिया गया। इन सभी लोगों को आईएसआईएस के साथ संबंध होने के शक में गिरफ्तार किया गया है।
भारत में आईएसआईएस से संदिग्ध आतंकियों की यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है। देश के अलग-अलग हिस्सों में हुई इन गिरफ्तारियों में जहां एनआईए ने छह लोगों को गिरफ्तार किया है तो वहीं आठ लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है।
कर्नाटक के बेंगलुरु, टुमकुर, मैंगलोर, हैदराबाद, मुंबई और लखनऊ में स्थानीय पुलिस की मदद से इन लोगों को एनआईएस ने दबोचा है। वहीं महाराष्ट्र एटीएस की ओर से भी दो और जगहों पर छापेमारी की गई।
पढ़ें-आईएसआईएस का बिलियन डॉलर वाला मीडिया सेटअप
यह कार्रवाई साफ बताती है कि देश में कितनी तेजी से आईएसआईएस अपने पैर पसार रहा है। एनआईए देश में उन युवाओं का पता लगा रही है जिसके तहत आईएसआईएस ने उन्हें चरमपंथी विचारधारा की ओर मोड़ दिया है।
नवंबर 2015 को इंटेलीजेंस ब्यूरो की ओर से आई एक रिपोर्ट में कहा गया था कि 150 लोग खासतौर पर दक्षिण भारत से, आईएसआईएस और इसकी विचारधारा के लिए आकर्षित हो चुके हैं। बताया जा रहा है कि एनआईए ने इस पूरे ऑपरेशन को मुंबई से कंट्रोल किया था।
आईएसआईएस कमांडर ने कहा कश्मीर से मिलेगी गुड न्यूज
मुंबई के 34 वर्षीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर मुनाबीर मुश्ताक पर करीब से नजर रखी गई थीं और इसके बाद ही इस पूरे ऑपरेशन को अंजाम दिया गया।
एनआईए ने दिसंबर 2014 में दर्ज हुए एक केस के बाद इंटेलीजेंस ब्यूरो की मदद से देश में आईएसआईएस के कई समर्थकों को गिरफ्तार किया था।
एनआईए को इस बात की जानकारी मिली थी कि मुनाबीर को कई लोगों के साथ संपर्क मे था।
वह यूसुफ अल-हिंदी इस नाम के साथ लोगों के संपर्क में रहता था। यह नाम कर्नाटक के भटकल के रहने वाले के सुल्तान अरमार का ही दूसरा नाम था।
अरमार अंसार-उल-तवाहिद का संस्थापक है जो देश में आईएसआईएस के लिए लोगों की भर्ती करने का काम करती है। सुल्तान की मौत के बाद अब उसका भाई शफी अरमार इस संगठन का मुखिया है।
एनआईए मुश्ताक के बैंक अकांउट में भटकल से आए पैसे के सोर्स के बारे में पता लगाने की कोशिश कर रही थी। एनआईए को उसके अकांउट में 20 लाख रुपए मिले थे।
एनआईएस इसी बात का पता लगाना चाहती थी कि आखिर उसे पैसे कहां से मिले और इसका प्रयोग किस मकसद से होना था। मुश्ताक करीब दो वर्षों से बेकार बैठा था और ऐसे में इतनी बड़ी रकम का उसके अकाउंट में होना काफी हैरानी की बात थी।
एनआईए के मुताबिक गणतंत्र दिवस के मौके पर भारत में बड़ी आतंकी वारदात को अंजाम देने की साजिश थी। तीन लोग देश के व्यस्त शहरों में मौजूद भीड़भाड़ वाले इलाकों में हमले की योजना तैयार कर रहे थे।