इशरत जहां एनकाउंटर: डीजी वंजारा और एनके अमीन को स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने किया बरी
नई दिल्ली। इशरत जहां के कथित फर्जी मुठभेड़ मामले में पूर्व पुलिस अधिकारियों डीजी वंजारा और एनके अमीन की आरोपमुक्त करने की अर्जी को सीबीआई की विशेष अदालत ने स्वीकार कर लिया है। विशेष सीबीआई अदालत में रिटायर्ड पुलिस अफसरों डीजी वंजारा और एन के अमीन ने अपने खिलाफ मामले की सुनवाई बंद करने की अपील करते हुए याचिका दायर की थी। इस मामले में अदालत ने 16 अप्रैल को सुनवाई पूरी कर ली थी।
इशरत जहां के कथित फर्जी मुठभेड़ मामले में सेवानिवृत्त अधीक्षक एनके अमीन इस मामले में सह आरोपी थे। दोनों पूर्व अधिकारियों ने अदालत से अनुरोध किया था कि गुजरात सरकार ने उनके खिलाफ अभियोजन चलाने की सीबीआई को मंजूरी नहीं दी है जो सीआरपीसी की धारा 197 के तहत जरूरी होती है, लिहाजा उनके खिलाफ इस मामले की सुनवाई बंद की जा सकती है। वहीं, इस मामले में कौसर की याचिका में कहा गया था कि सीआरपीसी की धारा 197 के तहत लोक सेवक पर अभियोजन की मंजूरी की जरूरत होती है।
ये भी पढ़ें: मसूद पर बैन को जेटली ने बताया भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत, विपक्षी दलों पर बरसे
इस याचिका में कहा गया था कि यह अपहरण, कैद करने और हत्या का मामला है इसलिए यह इस मामले पर लागू नहीं होता है। गुजरात के अहमदाबाद में 15 जून, 2004 को इशरत जहां और तीन दूसरे लोगों को अहमदाबाद में एक मुठभेड़ में मार दिया गया था। गुजरात पुलिस ने दावा किया था कि इशरत जहां और मुठभेड़ में मारे गए अन्य लोगों के आतंकवादियों से संबंध थे।
ये भी पढ़ें: लोकसभा चुनाव 2019 की विस्तृत कवरेज
सितंबर 2009 में अहमदाबाद मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत ने इस मुठभेड़ को फर्जी करार दिया था। इसके बाद ये मामला सीबीआई के पास चला गया था। सीबीआई ने भी मामले के फर्जी होने की बात कही थी। सीबीआई के मुताबिक, मारे जाने से पहले ये लोग पुलिस हिरासत में थे और ये पूरी मुठभेड़ फर्जी तरीके से की गई।