ईरान ने ब्रिटेन के राजदूत को हिरासत में लेकर छोड़ा, US ने कहा माफी मांगे
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नई दिल्ली- ईरानी अधिकारियों ने ब्रिटिश राजदूत को विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के चलते शनिवार को तेहरान में हिरासत में ले लिया था। ईरान ने ब्रिटिश राजदूत को वहां शासन-विरोधी प्रदर्शनकारियों को उकसाने के आरोप में पकड़ा था। करीब एक घंटे तक हिरासत में रखने के बाद उन्हें छोड़ दिया गया। ये जानकारी ब्रिटिश राजदूत रॉब मैकेयर की रिहाई के बाद ब्रिटेन के विदेश सचिव डॉमनिक राब ने दी। उन्होंने कहा कि, 'तेहरान में हमारे राजदूत की गिरफ्तारी बिना किसी आधार के की गई या जो सफाई दी गई वह अंतरराष्ट्रीय कानूनों का खुल्ला उल्लंघन है।'
इस घटना के बाद ब्रिटेन ने ईरान को चेतावनी है है कि वह हालात को और बिगाड़ना चाहता है या तनाव को कम करके राजनयिक रास्ते के जरिए इसे सुलझाना चाहता है। जानकारी के मुताबिक तेहरान में अमीरकबीर यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के बाहर छात्रों के विरोध प्रदर्शन में मैकेयर भी शामिल हुए थ। छात्रों का प्रदर्शन यूक्रेन विमान को सेना के हाथों दुर्घटनावश मार गिराए जाने के खिलाफ था। यूक्रेन के यात्री जेट के हादसे में कुल 176 लोगों की मौत हो गई थी, जिसमें से ज्यादातर लोग ईरानी और कनाडा के नागरिक बताए जा रहे हैं। ये हादसा उसी दिन हुआ था, जब ईरान ने अमेरिका को निशाना बनाने के लिए इराक में मौजूद उसके ठिकानों पर 15 से ज्यादा मिसाइलें दागी थीं। बाद में राष्ट्रपति हसन रूहानी ने माना था कि विमान हादसा मानवीय भूल का नतीजा था। मतलब उसे ईरानी सेना ने ही मार गिराया था।
गौरतलब है ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन ने बयान जारी कर कहा था कि ईरान का कबूलनामा पहला महत्वपूर्ण कदम है। उनके मुताबिक, 'हम चार ब्रिटिश पीड़तों के परिजनों की मदद के लिए सबकुछ करेंगे और उनको उनका हक मिले ये सुनिश्चित करेंगे।' उन्होंने कहा कि यह दुखद हादसा बताता है कि क्षेत्र में तनाव कम होना जरूरी है, इसलिए सभी संबंधित नेता राजनियक पथ पर आगे बढ़ें। उधर अमेरिका ने ब्रिटिश राजदूत को हिरासत में लेने के लिए ईरान को ब्रिटेन से माफी मांगने को कहा है। उसने कहा है कि यह वियेना कंवेंशन का उल्लंघ है और ईरान इसके लिए कुख्यात रहा है।
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