सौर ऊर्जा को अन्य तकनीक के साथ जोड़ने से परिणाम भी बेहतर हो जाता है: PM
नई दिल्लीः आईएसए समिट में सोलर एनर्जी को बढ़ावा देने देश की राजधानी में रविवार को पहली इंटरनेशनल सोलर अलायंस (आईएसए) समिट का आयोजन किया गया। इस समिट में फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका समेत 23 देशों के राष्ट्राध्यक्ष, 10 देशों के मंत्री समेत 121 देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए हैं। आईएसए हेडक्वार्टर की नींव तीन साल पहले गुड़गांव की नींव रखी गई थी।
चीन सोलर एनर्जी में सबसे ज्यादा 98.4% प्रोडक्शन करता है।
इस समिट में सोलर एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए कई मुद्दों पर चर्चा की गई। इस समिट में सभी देशों को सस्ती, क्लीन और रिन्युएबल एनर्जी मुहैया कराना है। बता दें कि चीन सोलर एनर्जी में सबसे ज्यादा 98.4% प्रोडक्शन करता है। इसके बाद जापान, जर्मनी, यूएस और इटली का नंबर आता है।
इस
मौके
पर
पीएम
मोदी
ने
कहा-International
Solar
Alliance
का
यह
नन्हा
पौधा
आप
सभी
के
सम्मिलित
प्रयास
और
प्रतिबद्धता
के
बिना
रोपा
ही
नहीं
जा
सकता
था।
इसलिए
मैं
फ्रांस
का
और
आप
सबका
बहुत
आभारी
हूँ।
121
सम्भावित
देशों
में
से
61
Alliance
को
join
कर
चुके
हैं
32
ने
Framework
Agreement
को
ratify
भी
कर
दिया
है।
20 GW installed solar power का लक्ष्य हासिल कर लिया है
भारत में वेदों ने हज़ारो साल पहले से सूर्य को विश्व की आत्मा माना है। भारत में सूर्य को पूरे जीवन का पोषक माना गया है। आज जब हम Climate Change जैसी चुनौती से निपटने का रास्ता ढूंढ रहे हैं तो हमे प्राचीन दर्शन के संतुलन और समग्र दृष्टिकोण की ओर देखना होगा।भारत में हमने दुनिया का सबसे बड़ा नवीकरणीय ऊर्जा विस्तार कार्यक्रम शुरू किया है। हम 2022 तक renewables से 175 GW बिजली उत्पन्न करेंगे जिसमें से 100 GW बिजली सौर से होगी। हमने इसमे से 20 GW installed solar power का लक्ष्य हासिल कर लिया है।
innovation के लिए पूरा eco system ज़रुरी है-PM
Solar energy के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए technology की उपलब्धता और विकास, आर्थिक संसाधन, कीमतों में कमी, storage technology का विकास, mass manufacturing, और innovation के लिए पूरा eco system ज़रुरी है। आगे का रास्ता क्या है, यह हम सबको सोचना है। मेरे मन में दस action points हैं जो मैं आपसे साझा करना चाहता हूं। सर्वप्रथम हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि बेहतर और सस्ती सोलर Technology सबके लिए सुगम और सुलभ हो। हमें हमारे energy mix में solar का अनुपात बढ़ाना होगा। हमें innovation को प्रोत्साहित करना होगा ताकि विभिन्न आवश्यकताओं के लिए सौर समाधान प्रदान हो सके। हमें solar projects के लिए concessional financing और कम जोखिम का वित्त मुहैया कराना होगा।
3 देशों के राष्ट्राध्यक्ष, 10 देशों के मंत्री समेत 121 देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए
Regulatory aspects एवं मानकों का विकास करना होगा जो सौर समाधान अपनाने और उनके विकास को गति दें। विकासशील देशों में bankable solar projects के लिए consultancy support का विकास करना होगा। हमारे प्रयासों में अधिक समावेशिता और भागीदारी पर बल दिया जाये। हमें centers of excellence का एक व्यापक network बनाना चाहिए। हमारी solar energy policy को विकास की समग्रता से देखें, ताकि SDGs की प्राप्ती में इससे ज्यादा से ज्यादा योगदान मिले। हमे ISA Secretariat को मज़बूत और professional बनाना चाहिए। पूरी मानवता की भलाई चाहते हैं तो मुझे विश्वास है कि निजी दायरों से बाहर निकलकर एक परिवार की तरह हम उद्देश्यों और प्रयासों में एकता और एकजुटता ला सकेंगे।यह वही रास्ता है जिससे हम प्राचीन मुनियों की प्रार्थना - 'तमसो मा ज्यातिर्गमय' को चरितार्थ कर पायेंगे।
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