रक्षक बना INS Talwar, ओमान की खाड़ी में फंसे भारतीय कार्गो शिप को निकाला
नई दिल्ली। भारतीय नौसेना अपने देश की जलसीमा के पास लगने वाले क्षेत्र में सुरक्षा के साथ ही मुश्किल में फंसे जहाजों की मदद करती ही है लेकिन अब यह विदेशों में भी अपना लोहा मनवा रहा है। भारतीय नौसेना के जहाज तलवार ने खाड़ी के सागर में फंसे एक व्यापारी जहाज को निकालने में मदद की है।
भारतीय नौसेना का जहाज तलवार इन दिनों ओमान की खाड़ी में तैनात है। आईएनएस तलवार को एक संदेश मिला। यह संदेश एमवी नयन नाम के एक व्यापारी जहाज से था जिसमें ये जानकारी थी कि नयन ओमान के पास सागर में फंस गया है। नायन पर मौजूद क्रू ने भारतीय नौसेना से मदद मांगी थी।
नौसेना ने जानकारी मांगी तो उससे ये पता चल पाया कि एमवी नयन ईराक के लिए जा रहा था और ओमान के ट्रांसिट पर फंसा हुआ है। इसके क्रू में 7 भारतीय सदस्य शामिल हैं। बताया गया कि यह जहाज 9 मार्च को समुद्र में हिचकोले खाने लगा था जिसके बाद क्रू ने मदद मांगी। ऐसा होने की मुख्य रूप से तीन वजह थी- पहली जहाज को आगे बढ़ाने वाले सिस्टम में खराबी, बिजली उत्पादन मशीनरी या फिर नेविगेशन उपकरणों में गड़बड़ी के चलते।
नौसेना
ने
भेजी
अपनी
टीम
एमवी
नयन
के
बारे
में
प्रारंभिक
एरियल
स्रोतों
से
मिली
जानकारी
के
मुताबिक
नौसेना
ने
एक
बोट
लेकर
वीबीबीएस
और
टेक्निकल
टीम
को
सपोर्ट
के
लिए
भेजा।
नेवल
टीम
ने
एमवी
नयन
पर
पहुंचने
के
बाद
लगातार
7
घंटे
तक
काम
करके
उसके
उपकरणों
को
ठीक
किया।
इसमें
नयन
के
दोनों
जेनरेटर,
स्टीयरिंग
पंप,
सीवाटर
पंप,
कंप्रेशर
और
मुख्य
इंजन
को
ठीक
किया
था।
इसके
बाद
नयन
एक
बार
फिर
से
समुद्र
में
आगे
बढ़ने
के
लिए
तैयार
हो
गया।
एमवी नयन के अगले बंदरगाह की ओर बढ़ने से पहले नौसेना की टीम ने जीपीएस और नेविगेशन लाइट जैसे अत्यंत महत्वपूर्ण नेविगेशन उपकरणों को चलाकर चेक किया जिसके बाद इस जहाज को आगे के लिए रवाना कर दिया गया।
2003
में
हुआ
नौसेना
में
शामिल
आईएनएस
तलवार
भारतीय
नौसेना
का
एक
पोत
है
जिसे
रूस
में
बनाया
गया
था।
तलवार
श्रेणी
के
इस
पोत
को
18
जून
2003
में
भारतीय
नौसेना
में
कमीशन
किया
गया।
नौसेना
में
शामिल
होने
के
बाद
इसने
कई
नौसैनिक
अभ्यासों
में
भाग
लिया
है।
इसमें
सोमालिया
के
तट
पर
डाकुओं
के
खिलाफ
अभियान
शामिल
है।
यह
पोत
अपने
साथ
एचएल
ध्रुव
हेलीकॉप्टर
ले
चलने
की
क्षमता
रखता
है।
इसकी
रफ्तार
30
नॉट्स
यानि
56
किमी
प्रति
घंटा
है।
DRDO ने विकसित की ऐसी टेक्नोलॉजी, भारतीय नौसेना की पनडुब्बियों से धोखा खा जाएंगे दुश्मन