कोरोना के कारण भारतीय युवा हुए बेरोजगार, ILO ने किए चौंकाने वाले खुलासे
नई दिल्ली, 12 अगस्त। देश में कोरोना महामारी के चलते 2020 से 2021 के बीच भारतीय युवाओं को रोजगार के लिए काफी मशक्कत का सामना करना पड़ा। लोगों को घर में कैद होने के लिए मजबूर होना पड़ा, जिसके चलते 2020 और 2021 में बड़ी संख्या में लोगों का रोजगार उनसे छिन गया। 2020 की तुलना में 2021 में अधिक संख्या में लोगों का रोजगार उनसे छिना है। इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन ने ग्लोबल इम्पलॉयमेंट ट्रेंड्स फॉर यूथ 2022 की रिपोर्ट को जारी कर दिया है, जिसमे यह आंकड़े सामने आए हैं।
आंकड़ों के अनुसार 15-24 साल की उम्र के लोगों को बेरोजगारी की सबसे ज्यादा मार झेलनी पड़ी। रिपोर्ट के अनुसार 2020 में इस उम्र के लोगों ने सबसे अधिक रोजगार गंवाए। दुनियाभर में 2022 में 73 मिलियन युवाओं का रोजगार छिन गया। हालांकि 2021 की तुलना में यह कम है। 2021 में 75 मिलियन लोगों का रोजगार छिन गया था। लेकिन बावजूद इसके 2019 की तुलना में यह 6 मिलियन अधिक है। रिपोर्ट के अनुसार भारत में सर्वे को सेंटर फॉर मॉनिटरिंग द इंडियन इकोनॉमी ने किया है। इसके अनुसार वर्ष 2021 के शुरुआती 9 महीनों में 0.9 फीसदी रोजगार छिने थे।
2022 में 14.9 फीसदी रोजगार कम हो सकते हैं
रिपोर्ट के अनुसार सर्वे में एशिया और पैसिफिक रीजन में बेरोजगारी को लेकर चेताया गया है, इसमे कहा गया है कि 2022 में 14.9 फीसदी रोजगार कम हो सकते हैं। भारत में स्थित आईएलओ डीसेंट वर्क टीम फॉर साउथ एशिया एंड कंट्री ऑफिस की डिप्टी डायरेक्टर सतोशी ससाकी ने बताया कि गुणवत्तापरक शिक्षा, बेहतर ट्रेनिंग से रोजगार के बेहतर अवसर पैदा हो सकते हैं, खासकर कि ग्रीन, ब्लू और डिजिटल इकोनॉमी के क्षेत्र में।
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रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में 18 महीने तक स्कूल बंद रहे, इसका असर 24 करोड़ स्कूली छात्रों पर पड़ा। इसमे से सिर्फ 8 फीसदी ग्रामीण छात्र और 23 फीसदी शहरी छात्रों को ऑनलाइन शिक्षा की सुविधा मुहैया हो सकी। स्कूल बंद होने से ना सिर्फ छात्रों को नई शिक्षा से वंचित होना पड़ा। बच्चों ने जो सीखा या याद किया वो उसे भूल गए। भारत में 92 फीसदी बच्चे अपनी मौलिक भाषा के मूल को भूल गए, जबकि 82 फीसदी बच्चे गणित की मौलिक शिक्षा को भूल गए। रिपोर्ट में मनरेगा की तारीफ की गई है।