Indian Railways: 5 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए कब देना होगा ट्रेन में किराया ? रेलवे ने बताया
नई दिल्ली, 17 अगस्त: रेलवे ने उन तमाम मीडिया रिपोर्ट को भ्रामक करार दे दिया है, जिसमें 5 साल से कम उम्र के बच्चों का किराया भी व्यस्कों की तरह किए जाने का दावा किया गया था। रेलवे ने साफ किया है कि उसके नियम जस के तस हैं और बच्चों से यात्री किराया वसूलने का कोई सर्कुलर जारी नहीं हुआ है। गौरतलब है कि इस भ्रामक खबर के बाद केंद्र सरकार की काफी आलोचना की जाने लगी थी और कुछ राजनेता भी बहती गंगा में हाथ धोने की कोशिश करने लगे थे। लेकिन, इसके साथ ही रेलवे ने यह भी बताया है कि वह कौन सी परिस्थितियां हैं, जब 5 साल के कम बच्चों के लिए भी रेलवे को पूरा किराया देना होगा।
5 साल से कम के बच्चों को नहीं लगेगा किराया- रेलवे
बुधवार को रेलवे ने बच्चों के ट्रेन किराए को लेकर मीडिया रिपोर्ट के बारे में साफ कर दिया है कि इस संबंध में नियमों में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया है। कुछ मीडिया में दावा किया गया था कि पांच साल से कम उम्र के बच्चों को भी अब ट्रेन से यात्रा करने पर व्यस्कों की तरह ही किराया वसूला जाएगा। 6 मार्च, 2020 को रेल मंत्रालय की ओर से जारी सर्कुल में भी यह स्पष्ट किया गया है कि पांच साल से कम उम्र के बच्चों की रेल यात्रा मुफ्त होगी। हालांकि, इसमें यह भी कहा गया है कि ऐसी स्थिति में अलग से बर्थ या सीट (चेयर कार) उपलब्ध नहीं करवाई जाएगी।
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बच्चों से किराया लिए जाने वाली रिपोर्ट भ्रामक- रेलवे
रेलवे की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि 'हाल में कुछ मीडिया रिपोर्ट्स आई हैं, जिसमें दावा किया गया है कि भारतीय रेलवे ने ट्रेन में यात्रा करने वाले बच्चों के लिए टिकट बुकिंग के संबंध में नियम बदल दिए हैं। ऐसी रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि अब 1 से 4 वर्ष की उम्र के बच्चों को ट्रेन में यात्रा करने के लिए टिकट लेना होगा।' बयान में बताया गया है कि 'ये न्यूज आइटम और मीडिया रिपोर्ट भ्रामक हैं। यह बताया जाता है कि भारतीय रेलवे ने ट्रेन से सफर करने वाले बच्चों की टिकट बुकिंग के संबंध में कोई भी बदलाव नहीं किया है।'
5 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए कब देना होगा ट्रेन में किराया ?
लेकिन, जो रेल यात्री अपने 5 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए बर्थ या सीट बुक करना चाहते हैं, उन्हें टिकट खरीदना पड़ेगा। ऐसी स्थिति में उस सीट या बर्थ के लिए व्यस्क यात्री की तरह ही किराया लिया जाएगा। रेलवे ने अपने बयान में कहा है, 'यात्रियों की मांग पर अगर वे चाहते हैं तो उन्हें उनके 5 साल की उम्र से कम के उनके बच्चों के लिए टिकट बुक करने या बर्थ आरक्षित करने का विकल्प दिया गया है। अगर वह अलग से बर्थ नहीं चाहते हैं तो यह फ्री है, उसी तरह जैसे पहले हुआ करता था।'
भ्रामक खबर पर हो रही थी आलोचना
दरअसल, मीडिया रिपोर्ट की खबरों की वजह से (जिसे रेलवे ने पूरी तरह से भ्रामक बताया) जनता के एक वर्ग से बहुत ही तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही थी। लोगों की नाराजगी को भुनाने में समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव भी फौरन कूद पड़े थे। उन्होंने ट्वीट किया था, 'रेलवे अब गरीबों के लिए नहीं रहा। अब जनता बीजेपी का पूरा टिकट काट देगी।' 'हमें बीजेपी सरकार का धन्यवाद करना चाहिए, जो अब ट्रेन से यात्रा करने के लिए एक साल के बच्चे से पैसे ले रही है, लेकिन गर्भवती महिला से टिकट के एक्सट्रा पैसे नहीं ले रही है।'
5 साल 12 साल के बच्चों को 50% लगता है किराया
बता दें कि नियमों के मुताबिक यदि कोई 5 साल से 12 साल की उम्र तक का बच्चा ट्रेन में सफर करता है तो उसे किराए का 50% चार्ज ही देना पड़ता है। हालांकि, सबसे कम दूरी की यात्रा के लिए इनके टिकट पर कोई चार्ज नहीं लिया जाता। वहीं अगर 1 साल से 12 साल के बच्चों के लिए सीट रिजर्व की जाती है या फिर बर्थ आरक्षित किया जाता है तो उनके लिए भी व्यस्क यात्रियों वाला ही भाड़ा लिया जाता है। जबकि, 12 साल के ऊपर के बच्चों के लिए पूरे किराए का प्रावधान है। (इनपुट-पीटीआई)