Train 18 की तर्ज पर रेलवे लेकर आया नई ट्रेनें, इंटर-सिटी में चलेगी राजधानी की स्पीड से
देश की पहली बिना इंजन की ट्रेन, Train 18 बनाने वाली चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्टरी अब लग्जरी MEMU ट्रेन लेकर आई है। MEMU यानि की मेनलाइन इलेक्ट्रिकल मल्टिपल यूनिट ट्रेन कम दूरियों में चलेगी और इसमें सुविधाएं लगभग ट्रेन 18 जैसी ही होंगी।
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नई दिल्ली। देश की पहली बिना इंजन की ट्रेन, Train 18 बनाने वाली चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्टरी अब लग्जरी MEMU ट्रेन लेकर आई है। MEMU यानि की मेनलाइन इलेक्ट्रिकल मल्टिपल यूनिट ट्रेन कम दूरियों में चलेगी और इसमें सुविधाएं लगभग ट्रेन 18 जैसी ही होंगी। इंटर-सिटी ट्रैवल को आसान बनाने के लिए इन ट्रेनों को लाया जा रहा है। ये मेमू ट्रेनें 110 से 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगी। अभी देश में राजधानी ट्रेनों की अधिकतम स्पीड 130 किलोमीटर है। वहीं हाल ही में लॉन्च ट्रेन 18 की अधिकतम गति 180 किलोमीटर प्रति घंटा है।
ट्रेन 18 की तर्ज पर बनाई गईं MEMU ट्रेन
नई मेमू ट्रेनों में दो मोटर कोच और छह ट्रेलर कोच होंगे। मौजूदा मेमू ट्रेनें 2,402 यात्रियों को ले जाने की क्षमता रखती हैं, वहीं नई मेमू ट्रेनों में एक बार में 2,618 यात्री सफर कर पाएंगे। साथ ही 247 यात्री दो मोटर कोच में बैठ सकते हैं। ट्रेन में सीसीटीवी कैमरे हैं और जीपीएस आधारिक अनाउंसमेंट सिस्टम है, जो यात्रियों को अगले स्टेशन की जानकारी देगा। इसकी सीटें भी मौजूदा मेमू ट्रेनों से आरामदायक बनाई गई हैं।
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ऊर्जा बचत समेत हैं कई बेहतर सुविधाएं
नई मेमू ट्रेन में रिजेनरेटिव ब्रेकिंग है जिससे 35 प्रतिशत ऊर्जा की बचत होगी। हर कोच में टॉयलेट बनाए गए हैं और ड्राइवर केबिन से जुड़ने वाला एमरजेंसी टॉक बैक सुविधा भी दी गई है। इस ट्रेन को बनाने में 26 करोड़ की लागत आई है। इस मेमू ट्रेन को 13 या 14 दिसंबर को हरी झंडी दिखाई जा सकती है, जिसके बाद इसे टेस्ट और ट्रायल के लिए रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड्स ऑर्गनाइजेशन (RSDO) के पास भेजा जाएगा।
जीएन ने बताया ट्रेन 18 की छोटी बहन
इंटीग्रल कोच फैक्टरी (आईसीएफ) के जनरल मैनेजर सुधांशु मणि ने इसे ट्रेन 18 की छोटी बहन बताया है। उन्होंने कहा कि फिलहाल जो मेमू ट्रेनें चल रही हैं, उनमें ट्रैक्शन मोटर ड्राइविंग मोटर कोचों में लगा हुआ है, जिससे बैठने की जगह कम हो जाती है। इसलिए नई मेमू ट्रेनों में ट्रैक्शन मोटर को मोटर कोचों के नीचे लगाया गया है, जिससे यात्रियों के बैठने के लिए और जगह मिलती है।
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