भारत ने टूटे और ऑर्गेनिक नॉन बासमती चावल के निर्यात से रोक हटाई, 150 देशों ने ली राहत की सांस
करीब 150 देशों के लिए राहत भरी खबर है। भारत ने टूटे और ऑर्गेनिक नॉन बासमती चावल के निर्यात से प्रतिबंध हटा लिया है। पहले वाले नियम के तहत अब निर्यात हो सकेगा। सितंबर में सरकार ने निर्यात पर बैन लगा दिया था।
भारत सरकार ने सितंबर में घरेलू स्टॉक और चालू खरीफ मौसम में धान के कम पैदावार होने की आशंका को देखते हुए चावल की कुछ श्रेणियों के निर्यात पर रोक लगा दी थी। इसे दुनिया के कई देशों के लिए संकट माना जा रहा था, लेकिन अब ताजा हालात को देखते हुए सरकार ने इस प्रतिबंध को हटा दिया है। इस फैसले के बाद टूटे चावल सहित ऑर्गेनिक नॉन-बासमती चावल का आयात पहले की तरह हो सकेगा। जिससे कई देशों ने राहत की सांस ली है।
मामले में विदेश व्यापार महानिदेशालय ने मंगलवार को अधिसूचना जारी कर दी। उसने अपने आदेश में कहा कि ऑर्गेनिक नॉन-बासमती ब्रोकन राइस समेत ऑर्गेनिक नॉन-बासमती चावल का निर्यात फिर से शुरू हो सकेगा। ये उन्हीं नियमों के तहत किया जाएगा, जो सितंबर से पहले लागू थे। ऑल इंडिया राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष विजय सेतिया ने सरकार के इस कदम का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों से ऑर्गेनिक बासमती और नॉन-बासमती चावल का निर्यात तेजी से बढ़ रहा, ऐसे में सरकार ने सही फैसला लिया है।
शराब
बनाने
में
भी
होता
था
इस्तेमाल
आपको
बता
दें
कि
दुनिया
का
सबसे
बड़ा
चावल
उत्पादक
चीन
है।
इसके
बाद
भारत
का
नंबर
आता
है।
कई
देशों
में
टूटे
चावल
का
इस्तेमाल
शराब
और
एथेनॉल
इंडस्ट्री
में
किया
जाता
है।
इसके
अलावा
जानवरों
से
जुड़ी
इंडस्ट्री
में
भी
इसकी
बहुत
ज्यादा
डिमांड
है।
ऐसे
में
कम
पैदावार
की
आशंका
के
चलते
सरकार
ने
निर्यात
बंद
कर
दिया
था,
ताकि
पहले
देश
की
खपत
को
पूरा
किया
जा
सके।
सीएम केसीआर ने पड़ोसी राज्यों को दिए गए चावल पर CST सब्सिडी बकाया माफ की
लगातार
हो
रही
थी
निर्यात
की
मांग
यूक्रेन
युद्ध,
सूखे
और
कम
पैदावार
की
वजह
से
पूरी
दुनिया
परेशान
है।
भारत
भी
150
देशों
को
चावल
निर्यात
करता
है,
ऐसे
में
जब
उसने
फैसला
लिया
तो
सभी
देशों
की
टेंशन
बढ़
गई।
इसके
बाद
से
वो
भारत
सरकार
से
इस
फैसले
पर
विचार
करने
का
आग्रह
कर
रहे
थे।