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रक्षा बजट पर दिखेगा नोटबंदी का असर, पूरी नहीं होगी उम्मीद

डिमॉनेटाइजेशन की वजह से इस वर्ष के आम बजट में रक्षा क्षेत्र को ज्‍यादा कुछ मिलने की उम्‍मीद नहीं है। 10 प्रतिशत बजट बढ़ोतरी की आस लगाए है रक्षा मंत्रालय।

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नई दिल्‍ली। बस कुछ घंटे रह गए हैं जब देश का आम बजट पेश कर दिया जाएगा। यह पहली बार है जब आम बजट एक फरवरी को आएगा और आम बजट के साथ ही रेल बजट भी पेश किया जाएगा। पिछली बार जब आम बजट पेश हुआ तो उसमें रक्षा बजट के बारे में वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने कोई जिक्र नहीं किया। हर कोई हैरान था और जानना चाहता था कि आखिर ऐसा क्‍यों हुआ? इस बार भी रक्षा बजट में कई बातें खास होने वाली हैं जिनमें सबसे ऊपर है रक्षा बजट को जरूरत के मुताबिक बजट न मिलने की संभावना।

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10 प्रतिशत इजाफे की जरूरत

ऐसी खबरें हैं कि इस बार देश के रक्षा बजट के हिस्‍से ज्‍यादा कुछ नहीं आने वाला है। यह सबकुछ होगा नवंबर माह में घोषित हुए डिमॉनेटाइजेशन की वजह से और कैश बैन की वजह से रक्षा बजट पर असर पड़ने के पूरे आसार हैं। यह तब होगा जब देश की सेनाओं के आधुनिकीकरण की बात हो रही है और पड़ोसी मुल्‍क की तरफ से चुनौतियां भी बढ़ती जा रही हैं। देश की अर्थव्यवस्‍था में भी कोई खास तरक्‍की नहीं हो रही है। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो नोट बंदी लागू की थी उसकी वजह से सेनाओं के हिस्‍से में बजट में कुछ खास नहीं आने वाला है। ब्‍लूमबर्ग और मिंट की रिपोर्ट के मुताबिक रक्षा मंत्रालय इस वर्ष के रक्षा बजट में 10 प्रतिशत के इजाफा चाहता है लेकिन ऐसा होगा इस पर थोड़ा संदेह है।

महंगाई की वजह से चाहिए ज्‍यादा बजट

इंस्‍टीट्यूट ऑफ डिफेंस स्‍टडीज एंड एनालिसिस के हवाले से ब्‍लूमबर्ग ने लिखा है कि रक्षा बजट में इजाफा शायद ही हो क्‍योंकि अर्थव्‍यवस्‍था की स्थिति कुछ ज्‍यादा अच्‍छी नहीं है और संसाधनों का भी अभाव है। अगर प्रगति कम है और इस पर नकारात्‍मक प्रभाव है तो फिर यह निश्चित तौर पर रक्षा क्षेत्र के लिए अच्‍छा संकेत नहीं है। रक्षा मंत्रालय ने महंगाई को देखते हुए रक्षा बजट में इजाफे की जरूरत जाहिर की थी। इसके अलावा देश में पुराने पड़ चुके हथियारों और दूसरे रक्षा उपकरणों को भी बदलने की सख्‍त जरूरत है। इसके बावजूद सभी उम्‍मीद कर रहे हैं कि बजट में डिमॉनेटाइजेशन के प्रभावों को कम करने से जुड़े ऐलान हो सकते हैं।

मोदी ने किया है 250 बिलियन डॉलर का प्रॉमिस

भारत लगातार चीन और पाकिस्‍तान से सटी सीमाओं पर घुसपैठ और आतंकी हमलों जैसे खतरों को झेलने के लिए मजबूर है। वर्ष 2016-2017 के वित्‍तीय वर्ष के दौरान भारत ने रक्षा खर्च के तौर पर करीब 33.8 बिलियन डॉलर खर्च किए हैं। इसमें पूर्व सैनिकों को दी जाने वाली पेंशन शामिल नहीं हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वादा किया था कि वह आने वाले वर्षों में सेनाओं के आधुनिकीकरण के लिए 250 बिलियन डॉलर देंगे। सरकार ने आने वाले वर्षों में नई पनडुब्बियों, हावित्‍जर गन, फाइटर जेट्स और हेलमेट की कई डील साइन करने की ओर इशारा किया है। रक्षा बजट कैसा होगा यह बुधवार को ही पता लगेगा लेकिन यह देखना होगा कि इस बार रक्षा बजट को कितनी रकम मिलती है या फिर कुछ नहीं मिलता है।

English summary
Indian defense sector is not hoping much from this year's union budget.
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