जान की बाजी लगा एयरफोर्स ने बचाई दर्द से तड़प रहे 9 साल के तौफिक की जिंदगी
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श्रीनगर। मुश्किल हालातों में देशवासियों की सेवा तत्पर रहने वाली भारतीय सेना ने एक बार फिर से मानवता की मिसाल पेश की है। उत्तरी कश्मीर के गुरेज सेक्टर में विषम परिस्थियों में एक नौ साल के लड़के को समय पर चिकित्सा उपलब्ध करवाई। मामला गुरुवार रात का है। गुरेज में रहने वाले नौ साल के बच्चे तौफिक को अचानक रात में अपेंडिक्स (अपेन्डिसाइटिस) का तेज दर्ज शुरू हो गया। गुरेज में पर्याप्त चिकित्सा सुविधा उपलब्ध ना होने के कारण बच्चे की हालत बिगड़ने लगी।
भारी बर्फबारी में फंसा दर्द से तड़पता तौफिक
अपेंडिक्स के इलाज के लिए बच्चों को 123 किमी दूर श्रीनगर के अस्पताल ले जाना जरूरी था। लेकिन गुरेज में गुरुवार को भारी बर्फबारी हो रही थी। जिसके चलते यातायात बंद हो रखा था। स्थानीय अस्पताल ने बच्चे की बिगड़ती हालत को देखते हुए सूचना श्रीनगर स्थित सेना बेस स्टेशन को भेजी। सेना ने तुरंत मामले की गंभीरता को देखते हुए बच्चे को श्रीनगर लाने का फैसला किया। बच्चे को सुरक्षित लाने के लिए एयरफोर्स स्टेशन श्रीनगर को रात में सूचना भेजी गई। लेकिन गुरेज़ के खराब मौसम ने कारण हेलीकॉप्टर सुबह में भी उड़ान नहीं भर सका।
गुरेज में मौसम सुधरने की खबर मिलते ही शुरू हुआ मिशन
फिर भी हेलीकॉप्टर को किसी भी परिस्थिति में तैयार रहने को कहा गया। इसके कुछ देर बाद हेलीकॉप्टर को सूचना मिली कि गुरेज में मौसम में थोड़ा सुधार हुआ है। फिर क्या था, एयरफोर्स का हेलीकॉप्टर गुरेज के अपने मिशन के लिए निकल गया और सफलतापूर्वक वहां पहुंचकर तौफिक और उसके पिता को लेकर बर्फबारी का सामना करते हुए भी श्रीनगर पहुंचने में कामयाब रहा।
तौफिक का फिलहाल श्रीनगर में इलाज चल रहा है
स्क्वाड्रन लीडर विनायक सिंह सिकरवार और "होवरिंग हाक" के सह-पायलट लक्ष्य मित्तल की अगुआई वाली भारतीय वायुसेना (आईएएफ) और इसके अत्यधिक प्रेरित क्रू की कार्रवाई ने एक बच्चे के जीवन को बचाया। तौफिक का फिलहाल श्रीनगर में इलाज चल रहा है। उसकी हालत में सुधार हो रहा है।