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भूकंप: जानिए मौसम खराब होने पर क्या किया भारतीय वायुसेना ने

By Ajay Mohan
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नई दिल्ली। पड़ोसी देश नेपाल में भूकंप के आने के बाद जिस फूर्ति के साथ बचाव कार्य शुरू किया गया, उस फूर्ति में भारतीय वायुसेना का भी बड़ा योगदान है। वायुसेना का सबसे बड़ा मिशन है, लोगों को सुरक्ष‍ित स्थान तक पहुंचाना और इसके लिये कई विमान तैनात हैं और कई तैयार खड़े हैं। ऐसे में मौसम भी बहुत खराब हो रहा है।

भारतीय वायुसेना के अध‍िकारी ने वनइंडिया से कहा, "हमारा सबसे पहला मकसद है ज्यादा से ज्यादा भारतीयों या फिर अन्य मुल्कों के लोगों को वापस लेकर आना।" यह मिशन तेजी से आगे बढ़ रहा था, लेकिन अचानक खराब मौसम की वजह से कई दिक्कतें आने लगीं, जिसे देखते हुए वायुसेना के विमानों को नेपाली पायलटों के संग मिलकर उड़ाने का निर्णय लिया गया।

चूंकि नेपाल पायलटों को वहां की भूगौलिक स्थ‍िति का अच्छी तरह अंदाजा है, इसलिये प्रत्येक विमान में नेपाली पायलट को साथ ले लिया गया और रास्ता आसान हो गया।

वायुसेना के छह विमान बचाव कार्य में जुटे हुए हैं। इनमें एमआई17वी5 और दो एमआई 17 हेलीकॉप्टर हैं।

एनडीआरएफ के संग वायुसेना

एनडीआरएफ की टीम को मौके पर त्वरित व्यवस्था के साथ मौके पर पहुंचाने में वायुसेना ने अहम भूमिका निभायी। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता सीतांशु कार ने आईएएफ का यह ऑपरेशन रात-दिन जारी है।

सूत्रों के अनुसार एनडीआरएफ ने मानवरहित विमानों का इस्तेमाल करते हुए सर्च ऑपरेशन को तेज कर दिया है। आमतौर पर इसका इस्तेमाल बाढ़ के दौरान किया जाता है।


आईएएफ का सी-130 पहुंचा

भूुकंप के चार घंटे के भीतर भारत के पालम एयरबेस से सी-130 को नेपाल भेजा गया। यह विमान एनडीआरएफ के 39 सदस्य, 3.5 टन की सामग्री लेकर नेपाल पहुंचा।

इसके अलावा दो सी-17 ग्लोबमास्टर तृतीय विमान नेपाल भेजे गये। एक में एनडीआरएफ के 96 सदस्यों के साथ 15 टन राहत सामग्री है वहीं दूसरे रेपिड ऐक्शन मेडिकल टीम (आरएएमटी) के 24 अध‍िकारी हैं।

यही नहीं आईएएफ के आईएल-76 में एनडीआरएफ के 160 लोगों के अलावा 5 खोजी कुत्ते और 28 टन राहत सामग्री भेजी गई।

राहत सामग्री में

ऑपरेशन मैत्री के अंतर्गत अब तक वायुसेना के विमानों से पानी, अस्पताल सामग्री, 8000 कंबल, 500 टेंट, 14 टन नूडल्स, 34 पैरामेडिक्स, 100 स्ट्रेचर, 1 टन दवाएं और 6 टन भोजन पहुंचाया गया।

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English summary
The Indian Air Force (IAF) pilots braved hostile weather and continued with its search and rescue mission in the quake-hit Nepal. First priority of all fixed wing aircraft is to provide relief and evacuation.
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