NSG सदस्यता मामले में दूसरे देश भारत के पक्ष में, चीन फिर बनेगा राह में रोड़ा?
ज्यादातर देश जो अब तक भारत के खिलाफ थे वो समर्थन में आते दिख रहे हैं लेकिन चीन ने इन सब से इतर अपनी राय बनाए रखी है। चीन नहीं चाहता कि भारत NSG में शामिल हो।
नई दिल्ली। न्यूक्लियर सप्लायर ग्रुप (NSG) की सदस्यता को लेकर भारत का विरोध करने वाले कुछ देश अब अपना रुख बदल सकते हैं। एनएसजी के सलाहकार ग्रुप की बैठक के बाद इस बात के संकेत मिले हैं, जिसमें भारत की सदस्यता को लेकर विचार किया गया है। हालांकि चीन ने इस मामले भारत का विरोध जारी रखा है।
भारत
की
राह
आसान
नहीं
सूत्रों
के
मुताबिक,
ज्यादातर
देश
जो
अब
तक
भारत
के
खिलाफ
थे
वो
समर्थन
में
आते
दिख
रहे
हैं
लेकिन
चीन
ने
इन
सब
से
इतर
अपनी
राय
बनाए
रखी
है।
चीन
नहीं
चाहता
कि
भारत
NSG
में
शामिल
हो।
बीते
सप्ताह
अमेरिका
ने
भारत
की
सदस्यता
के
लिए
समर्थन
की
बात
कही
थी,
लेकिन
चीन
की
मजबूत
पकड़
की
वजह
से
अभी
भारत
की
राह
आसान
नहीं
लग
रही।
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इस
युवक
के
छोटे
से
कदम
ने
PM
नरेंद्र
मोदी
को
भी
बना
दिया
'फैन'
दो
बार
जर्मनी
जाएंगे
मोदी
जर्मनी
के
विदेश
सचिव
मार्कस
एडरर
ने
अपने
भारतीय
समकक्ष
एस.
जयशंकर
से
मुलाकात
की
और
दोनों
देशों
के
संबंधों
की
मुख्य
बातों
को
लेकर
चर्चा
की।
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
इस
साल
दो
बार
जर्मनी
की
यात्रा
पर
जाएंगे।
पहली
बार
वह
मई
में
जर्मनी
जाएंगे
और
दूसरी
बार
जी-20
सम्मेलन
में
हिस्सा
लेने
वह
जुलाई
में
हैमबर्ग
जाएंगे।
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सीरिया
में
बड़े
'केमिकल
अटैक'
में
100
की
मौत,
400
से
ज्यादा
लोग
घायल
जर्मनी
मजबूत
कर
रहा
है
भारत
से
संबंध
गौर
करने
वाली
बात
ये
है
कि
जर्मनी
पहली
बार
विदेश
नीति
के
मामले
में
भारतीय
उपमहाद्वीप
पर
अपनी
दिलचस्पी
दिखा
रहा
है
और
भारत
के
साथ
इस
पर
काम
कर
रहा
है।
एस.
जयशंकर
इस
सप्ताह
श्रीलंका
में
होने
वाली
एक
मुलाकात
के
दौरान
जर्मनी
के
शीर्ष
राजनयिकों
को
संबोधित
करेंगे।
जर्मनी
का
मुख्य
फोकस
मोदी
सरकार
की
महत्वाकांक्षी
योजनाओं
पर
है।
इनमें
ऊर्जा,
स्मार्ट
सिटी,
कनेक्टिविटी,
क्लीन
गंगा,
शिक्षा
सुधार
और
रेलवे
को
महत्व
दिया
गया
है।
जर्मनी
के
साथ
संबंध
गहरे
होने
से
भारत
को
एनएसजी
के
लिए
फायदा
मिल
सकता
है।