पाकिस्तान की शह पर OIC ने अलापा कश्मीर राग, भारत ने सुनाई खरीखोटी
नई दिल्ली, अगस्त 06: पाकिस्तान की शह पर इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) द्वारा जम्मू-कश्मीर को लेकर की गई टिप्पणी को भारत ने गुरुवार को सिरे से खारिज कर दिया तथा नसीहत दी कि उसे भारत के अविभाज्य अंग के बारे में कुछ भी कहने का कोई हक नहीं है। कश्मीर से अनुच्छेद 370 के हटाए जाने दो साल पूरा होने के अवसर पर ओआईसी ने बयान जारी कर कहा है कि, 5 अगस्त 2019 को कश्मीर में उठाए गए कदम एकतरफा थे।
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जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को वापस लेने की दूसरी वर्षगांठ पर ओआईसी के महासचिवालय द्वारा जारी बयान पर विदेश मंत्रालय ने कड़ी टिप्पिणयां की हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने यहां मीडिया के सवाल पर कहा, हम ओआईसी के महासचिवालय द्वारा केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के बारे में कि ये गये एक और अस्वीकार्य उल्लेख को सिरे से खारिज करते हैं। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर से संबंधित मामलों में ओआईसी को हस्तक्षेप का अधिकार नहीं हैं जो भारत का अभिन्न अंग है।
भारत ने कहा कि, ओआईसी महासचिवालय को भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणियों के लिए निहित स्वार्थों को अपने मंच का फायदा उठाने की अनुमति देने से बचना चाहिए। कश्मीर मुद्दे पर कई बार ओआईसी ने भारत के खिलाफ बयान दिया है। 25 सितंबर 1969 में बने इस संगठन का पाकिस्तान संस्थापक सदस्य है। पाकिस्तान इस संगठन का सहारा लेकर कश्मीर के मुद्दे को समय-समय पर उछालता रहता है।
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बता दें कि इससे पहले ओआईसी के महासचिव कार्यालय ने भारत पर कश्मीर में जनसांख्यिकी को परिवर्तित करने का आरोप भी लगाया। ओआईसी ने कश्मीर में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव के अनुसार कश्मीर मुद्दे को हल करने के प्रयासों को बढ़ाने का भी आग्रह किया। बयान में महासचिवालय ने इन सभी कदमों रद्द करने की मांग की है। बता दें कि केंद्र ने अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू कश्मीर को मिले विशेष राज्य के दर्जे को पांच अगस्त 2019 को रद्द कर दिया था। राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया था।