UNDP 2021: मानव विकास सूचकांक में भारत 132वीं रैंक पर फिसला, नेपाल-श्रीलंका जैसे इंडिया से आगे
नई दिल्ली, 09 सितंबर: संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार 2021 मानव विकास सूचकांक में भारत 191 देशों में से 132वें स्थान पर है। वहीं साल 2020 की रिपोर्ट में भारत तो 131 वां स्थान मिला था। रिपोर्ट के अनुसार, कोविड-19 महामारी के प्रकोप, यूक्रेन पर रूस के आक्रमण और जलवायु संकट ने 90 प्रतिशत देशों के मानव विकास सूचकांक पर असर डाला है।
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इस रिपोर्ट में भारत की एचडीआई वैल्यू 0.633 रखी गई है। जो 2020 की रिपोर्ट में इसके 0.645 के मूल्य से कम है। यह एक के जितनी निकट रहे उतनी अच्छी मानी जाती है। 2020 मानव विकास सूचकांक में भारत 189 देशों में 131वें स्थान पर है। इस सूचकांक को बनाने के लिए किसी देश में औसत आयु, शिक्षा और आय को प्रमुख रुप से आधार बनाया जाता है।
भारत के एचडीआई में 2018 में 0.645 से 2021 में 0.633 तक की गिरावट को जन्म के समय गिरती जीवन प्रत्याशा के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। इसके अलावा, भारत में स्कूली शिक्षा के अपेक्षित वर्ष 11.9 वर्ष हैं और स्कूली शिक्षा के औसत वर्ष 6.7 वर्ष हैं। वहीं प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय 5.25 लाख रुपये है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में मानव विकास लगातार दो सालों में घटा है,इससे पिछले पांच सालों में हुई प्रगति प्रभावित हुई है।
मानव विकास सूचकांक में भारत की गिरावट विश्व के अन्य देशों की भांति ही है। इससे पता चलता है कि दुनिया भर के तमाम देशों में मानव विकास में पिछले 32 सालों में पहली बार जोरदार गिरावट आई है। मानव विकास सूचकांक में श्रीलंका को 73वां रैंक मिला है। इसी के साथ चीन को 79वां, भूटान को 127वां, बांग्लादेश को 129वां, नेपाल को 143वां और पाकिस्तान को 161वां रैंक प्राप्त हुआ है।
वहीं इस लिस्ट में टॉप देशों की बात करें तो मानव विकास सूचकांक की रिपोर्ट में स्विटजरलैंड को पहला स्थान मिला है। इसके बाद नॉर्वे, फिर आइसलैंड, हॉन्गकॉन्ग और पांचवें स्थान पर ऑस्ट्रेलिया रहा है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, देश स्वच्छ पानी, स्वच्छता और सस्ती स्वच्छ ऊर्जा तक पहुंच में सुधार कर रहा है। देश द्वारा किए गए हालिया नीतिगत निर्णयों ने कमजोर आबादी समूहों के लिए सामाजिक सुरक्षा तक पहुंच बढ़ा दी है।