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देश में सड़कों का जाल बिछाने में भारत ने बनाया विश्व रिकॉर्ड, दिल्ली से कई शहरों की दूरी अब सिर्फ 2 घंटे की

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नई दिल्ली, 24 मार्च। देश में सड़कों के जाल को तेजी से फैलाने में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की अहम भूमिका है। अक्सर उनके मंत्रालय के काम की तारीफ भी होती है। जिस तरह से देश में सड़कों का निर्माण हो रहा है उसकी अहम वजह नितिन गडकरी ने नीतियों में बदलाव को बताया है। गडकरी ने कहा कि हम देश की सड़कों को 2024 तक अमेरिका के बराबर कर देंगे क्योंकि अच्छी सड़क से देश की समृद्धि जुड़ी है। लोकसभा में देश में सड़कों के निर्माण को लेकर नितिन गडकरी ने विस्तार से जानकारी दी। साथ ही बताया कि सड़क निर्माण के क्षेत्र में भारत ने कई विश्व रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं।

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रिकॉर्ड रफ्तार से सड़कों का निर्माण

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नितिन गडकरी ने कहा कि देश का 70 फीसदी गुड्स ट्रैफिक, 90 फीसदी यात्रियों का ट्रैफिक सड़क पर है। ऐसे में नए ग्रीन एक्सप्रेस हाइवे को हम तैयार कर रहे हैं। हम ऐसे 42 ग्रीन एक्सप्रेस वे हाईवे बना रहे हैं। गडकरी ने कहा कि हम 38 किलोमीटर प्रतिदिन सड़क का निर्माण कर रहे हैं। हमारे विभाग ने चार विश्व रिकॉर्ड बनाए हैं। हर दिन सर्वाधिक 38 किलोमीटर सड़क का निर्माण, 2.5 किलोमीटर का चार लेन की रोड सिर्फ 24 घंटे में बनाया, 16 किलोमीटर सिंगल लेन सड़क 21 घंटे में बनाया। गडकरी ने कहा कि विपक्ष हमारे दावे पर सवाल उठाता है, लेकिन मैं साफ करना चाहता हूं कि सड़क निर्माण की गति के आंकलने की नीति पहले की ही तरह है। अगर हम दो लेन, तीन लेन या चार लेन सड़क बना रहे हैं तो भी इसे कुल मिलाकर एक किलोमीटर ही गिना जाता है। हम सिंगल सड़क का भी निर्माण कर रहे हैं तो उसे एक किलोमीटर गिना जा रहा है और 8 लेन की सड़क बना रहे हैं तो भी उसे एक किलोमीटर ही गिना जा रहा है।

जम्मू में टनल का निर्माण तेज, मानसरोवर का रास्ता अगले साल होगा शुरू

जम्मू में टनल का निर्माण तेज, मानसरोवर का रास्ता अगले साल होगा शुरू

हम अकेले जम्मू कश्मीर में 60 हजार करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट कर रहे हैं। पूरे लद्दाख और लेह से श्रीनगर आने में काफी दिक्कत होती थी, लेकिन जोजिजा टनल में 1000 लोग एक साथ काम कर रहे हैं, 2024 से पहले यह सड़क पूरी हो जाएगी। शिमला से मनाली तक जाने के लिए अटल टनल बनी है, पहले 3.5 घंटे लगते थे अब 8 मिनट लगता है। यहां से निकलने के बाद का दृश्य बहुत खूबसूरत है। लद्दाख से सीधे कारगिल, कारिगल से छेड़मोर और छेड़मोर से श्रीनगर के बीच हम 5 टनल बना रहे हैं। जब ये टनल श्रीनगर से जम्मू जाएगी तो कटरा से पहले जो रास्ता जाता है उसे हम दिल्ली से कटरा को जोड़ेंगे, यह अमृतसर से आते हुए आएगा। यह साल समाप्त होने से पहले श्रीनगर से 20 घंटे के भीतर आप मुंबई पहुंच जाओगे ऐसा काम होगा। 2023 तक मानसरोवर रोड़ का निर्माण पूरा हो जाएगा और लोग भारत से ही वहां जा सकेंगे, उन्हें नेपाल और चीन के रास्ते से वहां नहीं जाना पड़ेगा।

दिल्ली से कई शहरों की दूरी सिर्फ 2 घंटे

दिल्ली से कई शहरों की दूरी सिर्फ 2 घंटे

दिल्ली से जयपुर दो घंटे में, दिल्ली से हरिद्वार दो घंटे में, दिल्ली से देहरादून में दो घंटे, दिल्ली से अमृतसर 4 घंटे में, दिल्ली से मुंबई 12 घंटे में, इस काम को हम इसी साल पूरा कर लेंगे। हम चेन्नई से बेंगलुरू की सड़क बना रहे हैं वह भी दो घंटे में पूरा हो जाएगा। गडकरी ने कहा कि 2014 में हमारी सरकार आई। जोजिला टनल की अनुमति पिछली सरकार में दी गई थी, चार बार टेंडर दिया गया लेकिन रद्द हो गया क्योंकी इसकी लागत भी बढ़ती गई। मैने नॉर्वे से लेकर दुनियाभर के लोगों को बुलाया और टनल की लागत को लेकर विश्लेषण करने को कहा। इसमें कुल खर्च 12 हजार करोड़ आना था लेकिन हमने 5 हजार करोड़ रुपए की बचत की।

पुल के निर्माण की लागत को किया कम

पुल के निर्माण की लागत को किया कम

मैंने 50 लाख करोड़ रुपए की सड़कें अभी तक बनाई है, लेकिन कभी भी एक भी कॉन्ट्रैक्टर को मंत्री से नहीं मिलना पड़ा। मैं बताना चाहता हूं कि हम गंगा पर उतने पुल बनाते हैं जितने भी मांगे जाते हैं। अभी तक जितने गंगा पुल थे उससे ज्यादा हमने पिछले सात साल में बना दिए हैं। ब्रह्मपुत्र में भी जितने पुल मांगे गए हमने बनाने के लिए बजट दिया। हम एक नई तकनीक लेकर आए, सिंगापुर-मलेशिया में एक तकनीक आई। मेट्रो में पुल बनाने में दो पिलर के बीच की दूरी 30 मीटर होती है जबकि नई तकनीक में 120 मीटर तक की दूरी हो सकती है। हम नई तकनीक के जरिए माजोली पुल को सिर्फ 680 करोड़ रुपए में बनाया, जोकि पहले 6000 करोड़ रुपए में बनना था।

बेहतर सड़क से होगी पैसों की बचत

बेहतर सड़क से होगी पैसों की बचत

टोल लगाना हमारी खुशी नहीं है बल्कि मजबूरी है क्योंकि इतने निर्माण के लिए हमारे पास पैसे नहीं है। गडकरी ने दिल्ली-मेरठ हाइवे का उदाहरण देते हुए कहा दिल्ली से मेरठ जाने में काफी समय लगता था, तकरीबन 4 घंटे लगता था। लेकिन अब सिर्फ 40 मिनट में लोग यह दूरी तय कर सकते हैं। दूरी कम होने से लोगों का पेट्रोल बचता है और उसी से हम लोगों से टोल लेते हैं। दिल्ली-मुंबई हाइवे बनने के बाद 12 घंटे लगेंगे, इससे समय और पेट्रोल दोनों बचेगा। मैं विश्वास दिलाता हूं कि प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर के सपने को पूरा करने के लिए एक्सपोर्ट को बढ़ाना होगा, इसके लिए हमे लॉजिस्टिक खर्च को कम करना होगा।

सड़कों की गुणवत्ता उच्च स्तरीय

सड़कों की गुणवत्ता उच्च स्तरीय

गडकरी ने कहा कि जो सड़कें पिछले 5 साल में बनी हैं उसमे एक भी गड्ढे नहीं हैं। दिक्कत यह थी कि पहले हम सड़क को हम बनाते नहीं बल्कि उसकी मरम्मत करते थे। कितनी भी बरसता हो इस सड़क पर गड्ढे नहीं हो सकते हैं। हमने सड़क की गुणवत्ता को बेहतर किया है। गडकरी ने कहा कि सेतु भारतम नाम की हमारी योजना है, मैं ऐलान करता हूं कि इस योजना के तहत अब सभी रेलवे ब्रिज का निर्माण हम करेंगे। गडकरी ने कहा कि पेड़ों को काटना ठीक नहीं है। हम पेड़ तोड़ेंगे नहीं बल्कि पेड़ को जोड़ेंगे, उन्हें ट्रांसप्लांट करेंगे। हम 1000 कॉन्ट्रैक्टर ऐसे तैयार करेंगे जो पेड़ों को ट्रांसप्लांट करेंगे, हम उन्हें प्रति पेड़ पैसे का भुगतान करेंगे।

English summary
India creates world record in road construction many cities are just 2 hour away from
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