India-China: एक के बाद एक मिसाइल टेस्ट कर रहा भारत, एक है तिब्बत के करीब तैनात
नई दिल्ली। पिछले कुछ दिनों से रोजाना मिसाइल टेस्टिंग की खबरें आ रही हैं। ये सभी टेस्ट्स ऐसे समय में हो रहे हैं जब पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर चीन के साथ पांच माह से टकराव जारी है। विशेषज्ञों की मानें तो भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह चीन की आक्रामकता के आगे नहीं झुकेगा। पिछले कुछ दिनों ब्रह्मोस और शौर्य मिसाइल के अलावा स्मार्ट टॉरपीडो को भी टेस्ट किया जा चुका है। बताया जा रहा है कि एक मिसाइल को एलएसी के करीब तैनात कर दिया गया है।
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निर्भय LAC के करीब हुई तैनात
सात सितंबर को भारत ने हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डेमॉन्स्ट्रेटर व्हीकल (एचएसटीडीवी) को टेस्ट किया जो आवाज की गति से पांच गुना ज्यादा की स्पीड से ट्रैवल करता है। 30 सितंबर को ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल के क्रूज वर्जन को टेस्ट किया गया जिसकी रेंज को बढ़ाकर 400 किलोमीटर किया गया है। वर्तमान समय में इसकी रेंज 290 किलोमीटर है। इसके बाद 3 अक्टूबर को 700 किलोमीटर की रेंज वाली शौर्य मिसाइल को टेस्ट किया गया है। इसकी रेंज को बढ़ाकर 800 किमी तक किया जा सकता है। अगले कुछ दिनों में निर्भय क्रूज मिसाइल का टेस्ट होना है जो कि करीब 800 किमी रेंज वाली है। निर्भय मिसाइल को सेना और नौसेना दोनों में ही शामिल किया जाएगा। सूत्रों की मानें तो कुछ निर्भय मिसाइल को तिब्बत और शिनजियांग में चीन की तैनाती का जवाब देने के लिए तैनात किया जा चुका है। वहीं अर्जुन टैंक से हाल ही में एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल का भी सफल टेस्ट हुआ है।
शौर्य स्ट्रैटेजिक मिसाइल है नया हथियार
शौर्य एक स्ट्रैटेजिक मिसाइल है जिसे सरकार की तरफ से सेना में शामिल करने और इसकी तैनाती की मंजूरी दी है। सरकार की तरफ से मिसाइल के 700 किलोमीटर की रेंज वाली मिसाइल का 3 अक्टूबर को सफल परीक्षण किया गया है। शौर्य मिसाइल को डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) की तरफ से विकसित किया गया है। शौर्य मिसाइल को पनडुब्बी से भी लॉन्च किया जा सकता है। डीआरडीओ अब इस मिसाइल का 5,000 किलोमीटर तक हमला करने वाला संस्करण विकसित करने की दिशा में काम कर रही है जिसे सबमरीन लॉन्च्ड बैलेस्टिक मिसाइल (एसएलबीएम) के तौर पर जाना जाएगा। यह रेंज बिल्कुल अग्नि-5 बैलेस्टिक मिसाइल की भी है जिसे जमीन से लॉन्च किया जा सकता है।
चीन से नहीं डरेगा भारत
विशेषज्ञों की मानें तो इन टेस्ट्स और तैनाती को एलएसी पर चीन की आक्रामकता के जवाब के तौर पर समझा जाना चाहिए। विश्लेषकों का कहना है कि ऐसे समय में जब भारत, लद्दाख सेक्टर में चीन की सेना के सामने डटा हुआ है तो शॉर्ट रेंज के डिलिवरी प्लेटफॉर्म्स की टेस्टिंग बड़ा संदेश देने वाली है। भारत सरकार ने साफ कर दिया है कि वह किसी भी कीमत पर चीन को फायदा नहीं उठाने देगी। ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल की रेंज 500 किलोमीटर है। भारत की तरफ से ये मिसाइलें तब तैनात की गई जब चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) ने शिनजियांग और तिब्बत क्षेत्र में मिसाइलों को तैनात कर डाला है।
निर्भय और ब्रह्मोस बड़े हथियार
निर्भय सुपरसोनिक मिसाइल की रेंज 800 किलोमीटर है। इसे किसी भी बुरी स्थिति से निबटने को तैनात किया गया है। सूत्रों की मानें तो चीन की तरफ से यह तैनाती उसके कब्जे वाले अक्साई चिन तक ही सीमित नहीं है बल्कि काश्गर, होटान, ल्हासा और नियाइनग्शी में भी तैनाती को बढ़ाया गया है। ब्रह्मोस भारत का सबसे बड़ा हथियार है। यह मिसाइल न सिर्फ हवा से हवा में बल्कि जमीन से भी हवा में कर सकती है। ब्रह्मोस मिसाइल 300 किलोग्राम तक के वॉरहेड ले जाने में सक्षम है।गलवान हिंसा के बाद चीनी सेनाओं की तरफ से एयरस्पेस में गतिविधियां बढ़ा दी गई है। पीएलए की वेस्टर्न थियेटर कमांड की तरफ से 2000 किलोमीटर की रेंज में हमला करने वाले हथियारों को तैनात कर दिया गया है।