भारत और चीन के बीच 11वें दौर की सैन्य वार्ता, पूर्वी लद्दाख के गतिरोध वाले क्षेत्रों से सेना की वापसी पर जोर
भारत और चीन के बीच 11वें दौर की सैन्य वार्ता, पूर्वी लद्दाख के गतिरोध वाले क्षेत्रों से सैनिकों की वापसी पर जोर
नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच शुक्रवार (09 अप्रैल 2021) को 11वें दौर की सैन्य वार्ता रात 10 बजे तक चली। इस सैन्य वार्ता के दौरान भारत ने चीन को पूर्वी लद्दाख के गतिरोध वाले क्षेत्रों जैसे देपसांग, गोगरा और हॉट स्प्रिंग और अन्य बाकी हिस्सों से सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पर जोर देने को कहा है। सूत्रों ने इस बारे में जानकारी दी है। सूत्रों के मुताबिक भारत और चीन के बीच 11वें दौर की सैन्य वार्ता यानी कोर कमांडर स्तर की बैठक पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारतीय क्षेत्र में चुशुल सीमा क्षेत्र पर सुबह 10.30 बजे शरू हुई। बताया जा रहा है कि दोनों देशों के बीच कोर कमांडर स्तर की 11वें दौर की बैठक रात के लगभग 10 बजे तक जारी रही। भारत और चीन की सैनिकों के बीच पिछले साले 2020 में पैंगोंग झील के आसपास हुई हिंसक झड़प के बाद गतिरोध शुरू हो गया था।
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बता दें कि शुक्रवार को भारत-चीन के बीच हुई 11वें दौर की वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई लेह स्थित 14 वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पी जी के मेनन ने की थी। इस दौरान उन्होंने चीन के प्रतिनिधिमंडल से कहा है कि वो जल्द से जल्द पूर्वी लद्दाख के हॉट स्प्रिंग,देपसांग और गोगरा जैसे इलाकों से अपनी सैन्य वापसी की प्रक्रिया पूरी करें। हालांकि अभी तक इस बैठक को लेकर सरकार की ओर से कोई अधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।
पिछले महीने मार्च में थल सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने कहा था कि पैंगोग झील के आसपास के क्षेत्रों से सैनिकों के पीछे हटने का खतरा अब कम हो गया है। लेकिन उन्होंने इसके साथ ये भी कहा था कि खतरा कम हुआ है, लेकिन खत्म नहीं हुआ है।
भारत और चीन के बीच 10वें सैन्य दौर की वार्ता 20 फरवरी को हुई थी। 10वें दौर की वार्ता भी लगभग 16 घंटे चली थी। इस दौरान भी दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडल पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारों से अपने-अपने सैनिकों और हथियारों को पीछे हटाने पर हामी भरी थी।
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