उत्तराखंड पर भारी अगले 72 घंटे, हरिद्वार-देहरादून समेत 7 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी
मौसम विभाग ने उत्तराखंड के सात जिलो में अगले 72 घंटों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।
Recommended Video
नई दिल्ली। उत्तराखंड के कई जिले इन दिनों भारी बारिश की चपेट में हैं। पहाड़ों से लेकर मैदानी इलाकों तक लगातार हो रही मॉनसूनी बारिश लोगों पर आफत बनकर टूट रही है। बारिश के कारण नदियां उफान पर हैं और कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं। जगह-जगह भूस्खलन होने से राष्ट्रीय राजमार्ग बंद हो रहे हैं, जिससे चारधाम यात्रा पर भी असर पड़ रहा है। इस बीच मौसम विभाग ने उत्तराखंड के सात जिलो में अगले 72 घंटों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। मौसम विभाग की चेतावनी को देखते हुए प्रशासन भी अलर्ट पर है।
इन जिलों को लेकर जारी की गई चेतावनी
बारिश की मार झेल रहे उत्तराखंड को लेकर चेतावनी जारी करते हुए मौसम विभाग ने कहा है कि अगले 72 घंटों में राज्य के कुछ इलाकों में हल्की से मध्यम स्तर की बारिश हो सकती है। वहीं, उत्तराखंड के सात जिलों में मौसम विभाग ने भारी से भारी बारिश की आशंका जताई है। मौसम विभाग के मुताबिक देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी, चमौली, नैनीताल, पिथौरागढ़ और ऊधमसिंह नगर में अगले 72 घंटों में भारी बारिश हो सकती है। मौसम विभाग की चेतावनी को देखते हुए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को अलर्ट पर रखा गया है।
चारधाम यात्रा पर भी असर
आपको बता दें कि बारिश ने उत्तराखंड में लोगों का जीवन बेहाल किया हुआ है। पहाड़ी जिलों के अलावा मैदानी इलाकों में भी बारिश से काफी नुकसान हुआ है। केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के रास्तों पर बारिश के कारण जगह-जगह भूस्खलन होने से राष्ट्रीय राजमार्ग अवरुद्ध हो रहे हैं, जिससे श्रद्धालुओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कुछ इलाकों मे बादल फटने की घटनाओं से भी भारी तबाही हुई है। प्रशासन लगातार राहत एवं बचाव कार्य में लगा हुआ है।
बारिश का अलर्ट और कांवड़ मेला
कांवड़ मेले के चलते उत्तराखंड में कांवड़ियों की भी इस समय भारी भीड़ है, जिसे देखते हुए प्रशासन ने व्यापक इंतजाम किए हैं। बारिश के अलर्ट और कांवड़ मेले को ध्यान में रखकर बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है। किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को भी अलर्ट पर रखा गया है। बारिश के कारण क्षतिग्रस्त हुए राजमार्गों को ठीक कराया जा रहा है।
ये भी पढ़ें- मिलिए सुप्रीम कोर्ट की तीनों महिला न्यायाधीश से, जिन्होंने बनाया इतिहास