आईएमए की चेतावनी, नोटबंदी के बीच वित्तीय तनाव से रहें दूर, अपने दिल का रखें ख्याल
आईएमए का कहना है कि नोटबंदी एक तरह से शेयर मार्केट के गिरने जैसा है। ऐसे हालात में लोगों को दिल संबंधी बीमारी हो जाती है।
नई दिल्ली। नोटबंदी से परेशान आम जनता को आईएमए यानी इंडियन मेडिकल ऐसोसिएशन ने चेतावनी दी है। आईएमए का कहना है कि ताजा वित्तीय हालात में आप अपने दिल की हिफाजत करें, ज्यादा तनाव नहीं लें।
आईएमए ने जारी किए अहम निर्देश
मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले से जहां एक ओर आम जनता थोड़ी परेशान है। बैंक और एटीएम से पैसे निकालने के लिए उसे कई घंटे लाइनों में लगना पड़ रहा है।
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वित्तीय तनाव के इस हालात को देखते हुए आईएमए ने लोगों को कई जरूरी सलाह दी है। आईएमए का कहना है कि नोटबंदी एक तरह से शेयर मार्केट के गिरने जैसा है। ऐसे हालात में लोगों को दिल संबंधी बीमारी हो जाती है।
आईएमए के डॉक्टरों ने लोगों के लिए कई अहम निर्देश जारी किए हैं। जिससे वो इन हालात से निकल सकें। आईएमए ने कहा है कि हम सरकार के कदम का समर्थन करते हैं।
नोटबंदी के दौरान दिल संबंधी बीमारी का खतरा
आईएमए ने डॉक्टरों से अनुरोध किया है कि वो अपनी प्रैक्टिस में चेक, क्रेडिट कार्ड/डेबिट कार्ड का इस्तेमाल करें। जिससे मरीजों को परेशानी कम हो सके। सभी प्राइवेट अस्पताल और मेडिकल स्टोर्स कार्ड पेमेंट मशीन लगाने के लिए कहा है।
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आईएमए ने उन लोगों से अपील की है जिनके पैरों में दर्द है वह ज्यादा देर तक बैंक या फिर एटीएम की लाइनों में नहीं लगें। जिन लोगों को दिन संबंधी बीमारी है वो इन लाइनों में नहीं लगे।
बता दें कि नोटबंदी के बाद कई ऐसे मामले में सामने आए हैं जिसमें लोग लाइन में लगे होने के दौरान ऐसे दिल संबंधी समस्याओं का शिकार हुए हैं।
'नोटबंदी एक तरह से शेयर मार्केट के गिरने जैसा'
ऐसे कई मामले देखने में आए हैं जब वित्तीय तनाव या फिर स्टॉक एक्सचेंज गिरने से लोगों को दिल संबंधी बीमारी का शिकार बनना पड़ा। 1929 में वॉल स्ट्रीट क्रैश होने पर अमेरिका में 23000 से ज्यादा लोगों ने आत्महत्या कर ली थी।
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हर्ड अटैक के ज्यादा स्टॉक मार्केट गिरने के बाद सामने आए हैं। एक दिसंबर 2010 में कार्डियोलोजी के अमेरिकी जर्नल ने ये जानकारी दी थी।
ड्यूक विश्वविद्यालय के रिसर्चर्स ने इस बात का खुलासा किया था सितंबर 2008 से मार्च 2009 के बीच हर्ट अटैक के मामले ज्यादा दिखे थे। इन रिसर्च से साफ है कि वित्तीय तनाव में लोग ज्यादा प्रभावित होते हैं। ऐसे वक्त में तनाव से दूर रहे, खाने पर ध्यान रखें, रोज व्यायाम करिए और मेडिकल से जुड़े जरूरी निर्देश को ध्यान में रखें।