ICMR: कोविड टेस्ट को लेकर नई एडवाइजरी, संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों की जांच तभी जरूरी जब...
नई दिल्ली,10 जनवरी: भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने कोरोना की जांच के लिए एक नई एडवाइजरी जारी की है। इसके मुताबिक कोविड मरीजों के संपर्क में आए लोगों को तबतक इसकी जांच की जरूरत नहीं है, जब तक उनकी उम्र या कोमोरबिडिटी की वजह से हाई रिस्क के तौर पर पहचान नहीं होती। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने इसके अलावा भी एडवाइजरी में कई सारे सलाह दिए हैं। इसमें एसिम्पटोमेटिक लोगों की जांच को भी आवश्यक नहीं बताया गया है। यही नहीं इस एडवाइजरी के मुताबिक अंतरराज्यीय घरेलू यात्रा करने वाले व्यक्ति के लिए जांच की जरूरत नहीं बताया गया है।
किन्हें
कोविड
टेस्ट
की
जरूरत
नहीं
आईसीएमआर
की
इस
एडवाइजरी
के
मुताबिक,
एसिम्पटोमेटिक
लोगों
को
जांच
की
जरूरत
नहीं
है।
कोविड-19
के
कंफर्म
मरीजों
के
सिर्फ
उन्हीं
संपर्कों
को
जांच
की
जरूरत
है,
जिनकी
पहचान
उम्र
या
गंभीर
बीमारियों
की
वजह
से
हाई
रिस्क
के
तौर
पर
की
गई
है।
जो
मरीज
होम
आइसोलेशन
की
गाइडलाइंस
के
तहत
डिस्चार्ज
हो
जाते
हैं,
उन्हें
भी
जांच
करवाने
की
जरूरत
नहीं।
तय
संशोधित
डिस्चार्ज
पॉलिसी
के
तहत
जिन
मरीजों
को
कोविड-19
फैसिलिटी
से
डिस्चार्ज
कर
दिया
जाता
है,
उन्हें
भी
जांच
करवाने
की
आवश्यकता
नहीं
है।
अंतरराज्यीय
घरेलू
यात्रा
करने
वाले
व्यक्ति
को
भी
जांच
की
जरूरत
नहीं
है।
किन्हें
कोविड
टेस्ट
करवाने
की
आवश्यकता
है
खांसी,
बुखार,
गले
में
खराश,
स्वाद
या
गंध
के
जाने,
सांस
लेने
में
दिक्कत
वाले
लक्षण
से
पीड़ित
लोगों
को
जांच
करवाने
की
आवश्यकता
है।
कोविड
के
कंफर्म
मरीजों
के
हाई
रिस्क
वाले
संपर्कों
को
भी
जांच
करवाने
की
आवश्यकता
है।
आईसीएमआर
का
कहना
है
कि
विदेश
जाने
वाले
अंतरराष्ट्रीय
यात्रियों
को
टेस्ट
करवाने
की
आवश्यकता
है।
यही
नहीं
जो
अंतरराष्ट्रीय
यात्री
भारतीय
एयरपोर्ट
पर
और
बंदरगाहों
पर
आते
हैं,
उन्हें
भी
तय
गाइडलाइंस
के
मुताबिक
टेस्ट
करवाने
की
जरूरत
है।
घर
पर
टेस्टिंग
के
नियम
इस
एडवाइजरी
में
घर
पर
होने
वाले
टेस्ट
या
रैपिड
एंटीजन
टेस्ट
के
लिए
भी
नियम
बताए
गए
हैं।
जैसे
कि
यदि
होम
टेस्ट/रैपिड
टेस्ट
पॉजिटिव
आने
पर
उसे
पॉजिटिव
रिपोर्ट
किया
जाना
है।
जबकि,
निगेटिव
आने
पर
भी,
बुखार,
खांसी,
गले
में
खराश
जैसे
लक्षण
रहने
पर
निश्चित
तौर
पर
सैंपल
को
आरटी-पीसीआर
जांच
के
लिए
भेजना
है।
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यह एडवाइजरी इस मकसद से जारी की गई है कि कोविड के सिम्पटोमेटिक केस को तुरंत आइसोलेशन में डाला जा सके और उसकी देखभाल शुरू हो सके। 60 से ऊपर के बुजुर्गों और कोमोरबिडिटी वाले लोगों में संक्रमण का तुरंत पता लगाया जा सके और तत्काल इलाज शुरू हो सके।