आधार मामले की सुनवाई के दौरान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ बोले: मैं संविधान के लिए प्रतिबद्ध हूं,राष्ट्रवादी जज कहलाना पसंद करुंगा
मैं संविधान के लिए प्रतिबद्ध हूं,
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में आधार मामले की सुनवाई के दौरान न्यायाधीश धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ याचिकाकर्ताओं के वकील श्याम दीवान के सवाल पर नाराज हो गए। इस दौरान नाराजगी जाहिर करते हुए चंद्रचूड़ ने कहा कि वो संविधान के प्रति प्रतिबद्ध एक 'राष्ट्रवादी न्यायाधीश' बनना चाहते हैं और उन्हें 'आधार न्यायाधीश' या एनजीओ की लाइन पर चलने वाले जज के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ का जिक्र न्यायमूर्ति चंद्रचूड ने एक वरिष्ठ सरकारी वकील श्याम दिवान से संतोषजनक जवाब नहीं मिलने के बाद आपा खो बैठे। बता दें कि श्याम दीवान, एक गैर सरकारी संगठन का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं जिन्होंने सरकार की प्रमुख आधार योजना और उसके सक्षम कानून को चुनौती दी है। दीवान ने केंद्र सरकार के एक हलफनामे का उल्लेख किया जिसमें इस मामले में दायर एक विश्व बैंक की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा गया है कि भारत की विभिन्न योजनाओं में आधार का उपयोग करके प्रति वर्ष 11 अरब डॉलर का अनुमानित बचत है।
विश्व बैंक की रिपोर्ट प्रामाणिक नहीं
वकील ने कहा कि केंद्र ने रिपोर्ट का इस्तेमाल करते हुए कहा कि विश्व बैंक एक स्वतंत्र निकाय है और वह 'विस्तार' में शामिल नहीं होगा। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि विश्व बैंक की रिपोर्ट प्रामाणिक नहीं थी क्योंकि हाल ही में इसके प्रमुख पॉल रोमर ने कहा कि इसके आंकड़ों में कोई समग्रता नहीं है। न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने दीवान के याचिकाकर्ताओं के अनुसार 'विस्तार' की राशि के बारे में पूछा था और जहां उनसे अनुरोध किया गया था और उनकी याचिका में उनका उल्लेख किया गया था।
'आवाज़ बढ़ाने से कोई फायदा नहीं है'
न्यायाधीश ने कहा, 'आवाज़ बढ़ाने से कोई फायदा नहीं है।' न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने कहा, 'जब हम सवाल पूछते हैं, तब हम पर हमला किया जाता है क्योंकि हम इसके लिए प्रतिबद्ध हैं ... हम सरकार की रक्षा नहीं कर रहे हैं और न ही हम एनजीओ लाइन का पालन करने जा रहे हैं।' उन्होंने कहा कि जब सवाल पूछे जाते हैं, तो आरोप लगाए जाते हैं कि 'आप वैचारिक रूप से प्रतिबद्ध हैं' और इसे 'आधार जज' कहा जाएगा।
मैं संविधान के लिए प्रतिबद्ध हूं
न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने कहा, 'हम संविधान के विवेक के प्रति प्रतिबद्ध हैं,' उन्होंने कहा कि वह एक 'राष्ट्रवादी न्यायाधीश' बनना चाहते हैं। न्यायाधीश ने कहा, 'शुरुआत से ही, मैं यह सुन रहा हूं कि अगर मैं आपके साथ नहीं हूं, तो मैं एक आधार न्यायाधीश हूं। मुझे कोई परवाह नहीं है। मैं किसी के प्रति जवाबदेह नहीं हूं। मैं संविधान के लिए प्रतिबद्ध हूं।'