डा. कलाम के नाम पर होगी ब्रह्मोस हाइपरसोनिक मिसाइल
बेंगलुरु।
भारत
की
स्वनिर्मित
ब्रह्मोस
सुपरसोनिक
क्रूज़
मिसाइल
अब
देश
के
पूर्व
राष्ट्रपति
डा.
एपीजे
अब्दुल
कलाम
के
नाम
पर
होगी।
जी
हां
देश
के
मिसाइल
मैन
को
यह
श्रद्धांजलि
डीआरडीओ
ने
दी
है।
ब्रह्मोस
के
सीईओ
सुधीर
मिश्रा
ने
बताया
कि
यह
निर्णय
लिया
जा
चुका
है,
इसकी
औपचारिक
घोषणा
बाकी
है।
ब्रह्मोस हाइपरसोनिक मिसाइल वो मिसाइल है, जो डीआरडीओ में तैयार की जा रही है। यह भविष्य में देश को नई ताकत देगी। पूर्व राष्ट्रपति डा. कलाम का यह सपना था कि भारत खुद से एक हाइपरसोनिक मिसाइल बनाये।
ब्रह्मोस और कलाम के रिश्ता से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें-
- डीआरडीओ मानता है कि अब्दुल कलाम ब्रह्मोस की आत्मा हैं।
- ब्रह्मोस का डीएनए गुरु डा. कलाम ने ही बनाया था।
- ब्रह्मोस जैसी मिसाइलें बनाने का आईडिया कलाम साहब ने ही दिया था।
- कलाम साहब के विजन का साकार रूप ब्रह्मोस मिसाइलें हैं।
सुधीर मिश्रा कहते हैं कि कलाम साहब के नाम पर ब्रह्मोस मिसाइल का नाम रखने से आने वाली जैनरेशन को प्रेरणा मिलेगी। कई युवा वैज्ञानिक इस पर काम कर रहे हैं, जो उनसे प्रेरित होकर सर्वोत्तम परिणाम देंगे।
ब्रह्मोस के सुपरसोनिक वर्जन पर एयरो इंडिया 2015 के पहले ही शुरू हो चुका था। अब मॉस्को के वैज्ञानिक भारतीय वैज्ञानिकों के साथ मिलकर ब्रह्मोस हाइपरसोनिक मिसाइल बना रहे हैं। अमेरिका इसकी टक्कर की एक्स 51, रूस ने जीएलएल-एपी-02 आर चीन ने डब्ल्यूयू14 स्क्रैमजेट डिमॉन्स्ट्रेशन दे चुके हैं, जो आगे चलकर हाईपर सोनिक मिसाइलें बन सकती हैं।
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भारत इसस प्रोजेक्ट पर तेजी से काम कर रहा है, यदि भारत को पहले सफलता मिली तो ब्रह्मोस के इस वर्जन के साथ भारत हाइपरसोनिक मिसाइल बनाने वाला दुनिया का पहला देश होगा। ब्रह्मोस का सुखोई विमान से फायर करने का ट्रायल इस साल हो जायेगा।