पालघर मॉब लिंचिंग: मानवाधिकार आयोग ने महाराष्ट्र पुलिस को नोटिस जारी कर मांगा जवाब
नई दिल्ली। महाराष्ट्र के पालघर जिले में तीन लोगों की पीट-पीटकर हत्या किए जाने के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लिया है। आयोग ने मामले में महाराष्ट्र डीडीपी को नोटिस भेजा है। आयोग ने महाराष्ट्र पुलिस से 4 हफ्ते के भीतर घटना की विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है। साथ ही अब घटना में अब तक हुई गिरफ्तारी और कार्रवाई क्या हुई है, उसकी भी जानकारी मांगी है। इसके अलावा जिन लोगों की हत्या की गई, उनके परिवारों को क्या सहायता की गई, ये भी बताने को कहा गया है। मामले में गृहमंत्री अमित शाह भी महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे से बात कर चुके हैं।
पालघर के गढ़तचिंचोली गांव में 17 अप्रैल की रात को भीड़ ने सूरत जा रहे दो साधुओं और उनके ड्राइवर की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। मृतकों की पहचान 35 वर्षीय सुशीलगिरी महाराज, 70 वर्षीय चिकणे महाराज कल्पवृक्षगिरी और 30 वर्षीय निलेश तेलगड़े के रूप में हुई थी। निलेश साधुओं का ड्राइवर था।
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ये तीनों लोग मुंबई से सूरत किसी की अंत्येष्टि में शामिल होने जा रहे थे। पालघर जिले के एक गांल में100 से ज्यादा लोगों की भीड़ इन पर टूट पड़ी। ग्रामीणों ने पुलिस की गाड़ी पर भी हमला किया। बताया गया है कि इस पूरे इलाके में बच्चा चोर गिरोह की अफवाह फैली हुई थी। गांव के लोगों ने इन्हें इसी गिरोह से संबंधित समझा और हमला कर दिया। इन लोगों को बेरहमी से इतना मारा गया कि तीनों की जान चली गई।
इस मामले में पुलिस ने अब तक 110 लोगो को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। जिसमें 101 लोगों को पुलिस कस्टडी में जेल भेजा गया है। वहीं गिरफ्तार किए गए 9 नाबालिगों को बाल सुधार गृह में भेजा गया है। कोर्ट ने सभी की 30 अप्रैल तक की कस्टडी मंजूर की है। वहीं उद्धव सरकार ने इस मामले में दो पुलिसवालों को संस्पेंड किया गया है। सस्पेंड किए गए पुलिसकर्मियों में एक असिस्टेंट इंस्पेक्टर और एक सब इंस्पेक्टर है।
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