कश्मीर में बच्चे खिलौने वाली एके-47 लेकर जा रहे रैलियों में!
श्रीनगर। हिजबुल कमांडर बुरहान वानी की मौत के बाद से घाटी की स्थिति में सुधार होने की जगह हालात दिन पर दिन बदतर ही होते जा रहे हैं। जो बुरहान वानी जिंदा रहते हुए इंडियन आर्मी और बाकी सुरक्षाबलों के खिलाफ जहर उगलता था अब उसकी मौत भी सुरक्षाबलों के लिए कई तरह की चुनौतियां लेकर आ रही है।
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बच्चों ने देखा वानी जैसा बनने का सपना
पिछले दिनों साउथ कश्मीर के अनंतनाग जिले में हुए एक रैली में जब छोटे-छोटे बच्चे हाथ में खिलौने वाली एके-47 लेकर पहुंचे तो स्थिति ने कुछ सोचने पर मजबूर कर दिया था।
अनंतनाग में हुई रैली इस बात का सुबूत थी कि कैसे अब वानी की मौत के बाद से घाटी में आतंकवादियों के लिए समर्थन बढ़ता ही जा रहा है।
बच्चे नंगे पैर इस रैली में पहुंचे थे और वे रैली में लग रहे आजादी के नारों को सुन रहे थे। कुछ बच्चे तो अब बुरहान वानी की तरह भी बनने का सपना देखने लगे हैं।
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कर्फ्यू के बावजूद रैलियां
साउथ कश्मीर में अब इस तरह के नजारे आम हैं और पिछले एक माह से ऐसे ही घटनाक्रम नजर आ रहे हैं। ऐसे में सुरक्षाबलों की चिंताएं और बढ़ गई हैं क्योंकि कर्फ्यू के बावजूद यह सिलसिला रुक नहीं रहा है।
कई रैलियां रोजाना हो रही हैंऔर जिनमें सिर्फ आजादी की बात की जा रही है। कई रैलियों को तो 'आजादी रैली' के नाम से ही प्रचारित किया जा रहा है।
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90 के दौर ने दी घाटी में दस्तक
एक और बात जो सबसे ज्यादा डराती है वह है रैलियों में कई आतंकी कमांडरों की शिरकत और उनका लोगों को संबोधित करना।
इस तरह की घटनाएं अब एक बार फिर से घाटी में 90 के उसी दौर की याद दिलाने लगी हैं जब कश्मीर के हजारों युवाओं ने एलओसी पार की थी और एक नए संघर्ष की शुरुआत के भागीदार बने थे।
सड़कों पर गुस्से का नजारा
कश्मीर में पिछले एक माह से भी ज्यादा समय से जारी हिंसा में अब तक करीब 70 लोगों की मौत हो चुकी है तो 3,000 लोग घायल हैं। सड़कों पर लोगों का गुस्सा आसानी से देखा जा सकता है और इस बीच किसी एक भी व्यक्ति की मौत इसे सिर्फ बढ़ाती है।