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जानिए नये नीति आयोग और पुराने योजना आयोग के बीच क्या है अंतर
नई दिल्ली (विवेक शुक्ला)। योजना आयोग की जगह अब नीति आयोग काम करेगा। नीति आयोग के बनने से देश को कितना लाभ होगा, इसके लिए देश को इंतजार करना होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाले नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल में सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल बतौर सदस्य शामिल होंगे।
नीति आयोग की विशेषताएं
-
इसकी
मुख्य
भूमिका
राष्ट्रीय
और
अंतरराष्ट्रीय
महत्व
के
विभिन्न
नीतिगत
मुद्दों
पर
केंद्र
और
राज्य
सरकारों
को
जरूरी
रणनीतिक
व
तकनीकी
परामर्श
देना
होगी।
-
नए
आयोग
के
उद्देश्यों
में
यह
स्पष्ट
नहीं
कि
पंचवर्षीय
योजनाओं
की
मौजूदा
व्यवस्था
रहेगी
या
नहीं।
-
नीति
आयोग
के
बाद
राष्ट्रीय
विकास
परिषद
(एनडीसी)
की
भूमिका
क्या
होगी।
-
नीति
आयोग
के
क्रियाकलापों
में
मुख्यमंत्रियों
तथा
निजी
क्षेत्र
के
विशेषज्ञों
की
अहम
भूमिका
होगी।
-
नीति
आयोग
मोदी
के
"टीम
इंडिया"
और
"सहकारी
संघवाद"
के
विचार
का
मूर्तरूप
होगा।
-
नीति
आयोग
में
देश
भर
के
शोध
संस्थानों
और
विश्वविद्यालयों
से
व्यापक
स्तर
पर
परामर्श
लिये
जायेंगे।
- नीति आयोग में विश्वविद्यालयों और शोध संस्थानों के प्रतिनिधि भी शामिल किये जायेंगे।
योजना आयोग
-
नेहरू
युगीन
योजना
आयोग
की
प्रकृति
केंद्रीयकृत
थी।
योजना
आयोग
का
गठन
15
मार्च
1950
को
हुआ
था।
-
राजीव
गांधी
ने
योजना
आयोग
को
जोकरों
का
समूह
कहा
था,
हालांकि
उन्होंने
भी
इसे
भंग
नहीं
किया।
-
योजना
आयोग
देश
के
विकास
से
संबंधित
योजनाएं
बनाने
का
काम
करता
था।
-
योजना
आयोग
ने
12
पंचवर्षीय
योजनाएं
बनाईं।
-
योजना
आयोग
ने
2000
करोड़
रुपए
से
पहली
पंचवर्षीय
योजना
1951
में
शुरू
की
थी।
-
योजना
आयेग
के
अध्यक्ष
भी
प्रधानमंत्री
ही
होते
थे,
लेकिन
कभी
भी
मुख्यमंत्रियों
से
सलाह
नहीं
ली
जाती
थी।
-
मुख्यमंत्री
अगर
कोई
सुझाव
देना
चाहते
थे
तो
वे
विकास
समिति
को
देते
थे।
जो
समीक्षा
के
बाद
योजना
आयोग
को
दी
जाती
थी।
- निजी क्षेत्र की भागीदारी योजना आयोग में कतई नहीं थी।
Comments
English summary
Newly formed body Niti Ayog will be vastly different from previous one Yojana Ayog? Here are some major differences between both.
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