पढ़ें पूरी कहानी: कैसे हम प्याला दाऊद-राजन बन गये एक दूसरे के खून के प्यासे
नयी दिल्ली (ब्यूरो)। खूंखार दाऊद इब्राहिम का जानी दुश्मन, भारत में सबसे बड़े क्राइम सिंडिकेट का बॉस, अंडरवर्ल्ड दुनिया का कुख्याम नाम और कई हत्याओं का संगीन आरोपी राजन सदाशिव निखलजे उर्फ नाना उर्फ छोटा राजन आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ ही गया। राजन को रविवार को इंडोनेशिया के बाली एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया है।
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कैसे हुई थी दाऊद और छोटा राजन में दोस्ती
कहानी उस समय की है जब मुंबई पर हाजी मस्तान का राज हुआ करता था। उस वक्त हाजी मस्तान, करीम लाला और बड़ा राजन के गैंग पूरे मुंबई में एक्टिव थे। हाजी मस्तान की मौत के बाद अंडरवर्ल्ड की दुनिया में दाऊद की पूरी तरह से एंट्री हुई और फिर मस्तान की कुर्सी संभालने को लेकर दाऊद और करीम लाला में गैंगवार छिड़ गई। उस वक्त बड़ा राजन दाऊद का साथ दे रहा था और करीम लाला के वारिसों के खिलाफ गैंगवार में बड़ा राजन को जान गंवानी पड़ी।
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उस वक्त छोटा राजन बड़ा राजन के लिए काम करता था और उसकी मौत के बाद छोटा राजन ने पूरी तरह से बड़ा राजन का काम संभाल लिया। छोटा राजन को एक भरोसेमंद और ताकतवर सहारे की तलाश थी जो उसे दाऊद के रूप में मिल गया। दोनों की दोस्ती इतनी गहरी हो गई कि छोटा राजन की पत्नी सुजाता को दाऊद मुंहबोली बहन मानने लगा। सुजाता दाऊद को राखी भी बांधती थी। 1988 में दाऊद को जब भारत छोड़कर दुबई भागना पड़ा तो उसने मुंबई में अपने कामों की सारी जिम्मेदारी छोटा राजन को सौंप दी।
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जानकारी के मुताबिक दुबई पहुंचने के बाद मुंबई को अपनी माशुका कहने वाले दाऊद ने अपने ही लोगों को आपस में लड़ाना शुरु कर दिया। दाऊद ऐसा इसलिए कर रहा था कि ताकि मुंबई पर उसका कंट्रोल बना रहे। इसी क्रम में दाऊद ने मुंबई में शिवसेना पार्षद खीम बहादुर थापा की हत्या करवा दी। थापा छोटा राजन का बेहद करीबी माना जाता था।
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थोड़े समय बाद छोटा राजन को पता चल गया कि थापा की हत्या में दाऊद का हाथ है और उसने नेपाल के शूटर सुनील सावंत को यह काम सौंपा था तो दोनों में दरार पड़ गई। 1993 के मुंबई ब्लास्ट के बाद दाऊद पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के करीब हो गया और इसी समय से दाऊद और छोटा राजन की दूरियां बढ़ गईं। दोनों के बीच दूरी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सितंबर, 2000 में दाऊद ने बैंकॉक में छोटा राजन पर हमला कराया। हालांकि, राजन इस हमले में बच गया।
छोटा राजन की क्राइम हिस्ट्री
मुंबई में एक मराठी परिवार मे जन्मे राजन निखालजे की परवरिश चेंबूर के निम्न मध्यवर्गीय इलाके तिलकनगर में हुई। यह इलाका सेंट्रल मुंबई में स्थित है। राजन ने अपने क्रिमिनल करियर की शुरुआत सहाकर सिनेमा में 1980 में टिकटों की कालाबजारी से की थी। इसके बाद उसकी मुलाकात, बड़ा राजन और हैदराबाद के यडागिरी से हुई।
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इनके साथ राजन ने बिजनस की बारीकियां सीखीं। बड़ा राजन की मौत के बाद निखालजे को छोटा राजन का नाम मिल गया। छोटा राजन कई आपराधिक केसों में वांछित है जिसमें जबरन वसूली, हत्या, तस्करी, मादक पदार्थों की तस्करी और फिल्म फाइनेंस शामिल हैं। वह 17 मर्डर केस और मर्डर की कोशिश के केस में वांछित है।