कितने सही हुए 2014 से 2018 के बीच हुए एग्ज़िट पोल
चाणक्या ने 285 सीटों का अनुमान लगाया था, जो जीती गई सीटों से 7 अधिक थी. समाजवादी पार्टी के गठबंधन को 88 से 112 सीटों पर जीत के अनुमान लगाए गए थे.
ऐसा बहुत कम होता है जब एग्जिट पोल असल नतीजों के काफ़ी क़रीब होते हैं लेकिन ये दूसरे नंबर की पार्टियों के सही अनुमान लगाने में ज़्यादातर ग़लत साबित हुए हैं.
पांच राज्यों में हुए चुनावों के बाद एग्ज़िट पोल आ चुके हैं. एग्ज़िट पोल के नतीजों में तस्वीर एकदम साफ़ नहीं है लेकिन इनमें से अधिकतर में राजस्थान और मध्यप्रदेश में कांग्रेस सत्ता में लौटती दिख रही है.
छत्तीसगढ़ में रमन सिंह अपनी सरकार बचाने में कामयाब नज़र आ रहे हैं. वहीं तेलंगाना में कांग्रेस-टीडीपी गठबंधन कुछ ख़ास असर दिखाता नज़र नहीं आया और चंद्रशेखर राव की सत्ता में वापसी का अनुमान जताया जा रहा है.
एग्ज़िट पोल चुनावों के नतीजों का अनुमान लगाने के लिए किया जाता है. यह कोशिश की जाती है कि स्थिति स्पष्ट दिखे पर आमतौर पर यह लोगों में भ्रम की स्थिति ज़्यादा पैदा करता है.
क्या एग्ज़िट पोल सटीक आकलन करता है या फिर इसे अनुमान के तौर पर तैयार किया जाता है?
इस सवाल का जवाब ढूंढने के लिए बीबीसी ने साल 2014 से 2018 के बीच हुए एग्ज़िट पोल का विश्लेषण किया.
अधिकांशतः एग्ज़िट पोल में विजेता की भविष्यवाणी सही साबित होती नज़र आई है लेकिन सीटों की संख्या में पोल्स के अनुमान ग़लत साबित हुए हैं.
सही भविष्यवाणी करने में नाकाम एग्ज़िट पोल
साल 2017 में हुए गुजरात विधानसभा चुनावों के बाद एग्ज़िट पोल्स में भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिलने का अनुमान लगाया गया था. सी-वोटर ने 111 सीटों पर भाजपा और 71 सीटों पर कांग्रेस की जीत का अनुमान लगाया था.
वहीं टुडे-चाणक्या ने भाजपा के खाते में 135 सीटे और कांग्रेस के खाते में 47 सीटों के जाने का अनुमान लगाया था.
अगर सभी एग्ज़िट पोल के आंकड़ों का औसत देखें तो भाजपा को 65 फ़ीसदी सीटें जीतनी चाहिए थी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. भाजपा ने चुनावों में 10 फ़ीसदी कम सीटों पर जीत हासिल की.
भविष्यवाणी के मुताबिक़ कांग्रेस को 65 से 70 सीटों पर जीत हासिल करनी चाहिए थी लेकिन कांग्रेस पार्टी 77 सीटों पर परचम लहराने में कामयाब रही.
एग्ज़िट पोल का अनुमान कांग्रेस के आंकड़ों के आसपास रहा, लेकिन चुनाव में जीत हासिल करने वाली भाजपा के संभावित आंकड़ों की वो सही भविष्यवाणी नहीं कर पाया.
जीत किसी की सरकार किसी और ने बनाई
इस साल कर्नाटक में हुए विधानसभा चुनावों के असल परिणाम के कुछ महीने पहले कई राजनीतिक वैज्ञानिकों ने तर्क दिया था कि विजेता की भविष्यवाणी से हिसाब से यह चुनाव सबसे कठिन था.
एबीपी-सी वोटर ने 110 सीटों पर भाजपा के जीत के अनुमान लगाए थे, वहीं 88 सीटों पर कांग्रेस की जीत की भविष्यवाणी की गई थी.
दूसरी तरफ इंडिया टुडे-एक्सिस के एग्ज़िट पोल में 85 पर भाजपा और 111 सीटों पर कांग्रेस के जीत के अनुमान लगाए गए थे.
हालांकि चुनावों के असल परिणाम अलग रहे. इसमें भाजपा को उम्मीद से अधिक सफलता मिली थी. भाजपा 100 से ज़्यादा सीटों पर जीत का परचम लहराने में कामयाब रही थी, हालांकि वो सरकार नहीं बना पाई.
चुनाव परिणामों के बाद कांग्रेस अन्य दलों के साथ मिलकर सरकार बनाने में सफल रही थी.
प्रत्येक चुनाव परिणाम का सटीक अनुमान लगाना बेहद मुश्किल होता है, लेकिन अनुमानित सीटें यह तय नहीं करती कि सरकार कौन बना रहा है.
सरकार बनाने के दावों के ग़लत साबित होने की संभावना होती है.
जब सभी एग्ज़िट पोल ग़लत साबित हुए
2015 में हुए बिहार विधानसभा चुनावों के बाद चाणक्य ने भाजपा के बंपर जीत का अनुमान लगाया था. पोल में चाणक्य ने भाजपा को 155 और महागठबंधन को महज 83 सीटों पर जीत की भविष्यवाणी की थी.
वहीं नीलसन और सिसरो ने 100 सीटों पर भाजपा की जीत का अनुमान लगाया था लेकिन नतीजे बिल्कुल विपरीत रहे थे.
जनता दल यूनाइटेड, राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस के महागठबंधन ने कुल 243 सीटों में से 178 पर जीत हासिल की थी.
यह बड़ी जीत थी और एग्ज़िट पोल और असल नतीजों में काफ़ी अंतर देखने को मिला था.
सटीक अनुमान
साल 2016 में पश्चिम बंगाल में चुनाव हुए थे. इस चुनाव के असल नतीजे एग्ज़िट पोल के काफ़ी क़रीब रहे थे.
चाणक्या ने ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस के 210 सीटों पर जीत के अनुमान लगाए थे. वहीं इंडिया टुडे-एक्सिस ने यह संख्या 243 बताई थी.
ये सारे अनुमान सरकार बनाने के जादुई आंकड़ों से अधिक थे और कमोबेश ये सही भी साबित हुए. ममता बनर्जी की पार्टी ने 211 सीटों पर जीत हासिल की थी.
हालांकि सारे अनुमान दूसरे नंबर पर रही पार्टी के मामले में ग़लत साबित हुए. एग्ज़िट पोल्स यह सटीक अनुमान नहीं लगा पाए कि उपविजेता कितनी सीटें जीतेगा.
इंडिया टुडे-एक्सिस को छोड़कर सभी एग्ज़िट पोल लेफ़्ट और कांग्रेस को 100 से अधिक सीट दे रहे थे, लेकिन असल नतीजों में लेफ़्ट और कांग्रेस को महज़ 44 सीटें मिली थीं.
साल 2017 में उत्तर प्रदेश में हुए विधानसभा चुनावों के बाद लगभग सभी एग्ज़िट पोल में भाजपा की जीत के प्रबल अनुमान लगाए गए थे.
चाणक्या ने 285 सीटों का अनुमान लगाया था, जो जीती गई सीटों से 7 अधिक थी. समाजवादी पार्टी के गठबंधन को 88 से 112 सीटों पर जीत के अनुमान लगाए गए थे.
ऐसा बहुत कम होता है जब एग्जिट पोल असल नतीजों के काफ़ी क़रीब होते हैं लेकिन ये दूसरे नंबर की पार्टियों के सही अनुमान लगाने में ज़्यादातर ग़लत साबित हुए हैं.