कोमोरबिडिटी वाले कोरोना पॉजिटिव बच्चों में अस्पताल में भर्ती होने के मामले बढ़े, विशेषज्ञों ने जताई चिंता
देशभर में ओमिक्रॉन के केस रफ्तार से बढ़ रहे हैं। तेजी से बढ़ते मामलों ने उन अभिभावकों के लिए चिंता पैदा कर दी है, जिनके बच्चों को अभी वैक्सीन नहीं लगी है।
नई दिल्ली, 11 जनवरी। देशभर में ओमिक्रॉन के केस रफ्तार से बढ़ रहे हैं। तेजी से बढ़ते मामलों ने उन अभिभावकों के लिए चिंता पैदा कर दी है, जिनके बच्चों को अभी वैक्सीन नहीं लगी है। इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली में अब तक कोरोना से संक्रमित 31 बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया जा चुका है, जिनमें से सभी 15 साल से कम उम्र के हैं। इनमें से 9 बच्चों को निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। यह एक बात जो गौर करने वाली है वह ये कि अस्पताल में भर्ती ज्यादातर बच्चे विभिन्न बीमारियों से पीड़ित हैं।
इसका साफ मतलब ये है कि ऑमिक्रॉन उन बच्चों के लिए बड़ा खतरा है, जो एक से अधिक बीमारियों से पीड़ित हैं। डॉक्टरों ने ऐसे अभिभावकों से खास तौर पर सुरक्षा बरतने की सलाह दी है, जिनके बच्चे कई अन्य बीमारियों से पीड़ित हैं। हालांकि विशेषज्ञों ने यह भी कहा है कि ज्यादा चिंता करने की बात नहीं है क्योंकि पीड़ित बच्चे साधारण इलाज से ही ठीक हो रहे हैं। अस्पताल में भर्ती बच्चों में से आठ दौरे, दो बच्चे लो ब्ल्डप्रेशर, जबकि अन्य बच्चे अन्य बीमारियों से पीड़ित हैं। दिल्ली के एक प्रमुख बाल विशेषता सरकारी अस्पताल चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय के सूत्रों ने कहा कि अस्पताल में दो साल से कम उम्र के कोरोना से संक्रमित दो बच्चों को भर्ती कराया गया है।
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बच्चों के अस्पताल में भर्ती होने की संख्या बढ़ी
एक रिपोर्ट के अनुसार, महामारी के शुरू होने के बाद अमेरिका में हाल की के हफ्तों में कोरोना से संक्रमित 5 साल के कम उम्र के बच्चों को अस्पताल में भर्ती करने की दर उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। दिसंबर में ओमिक्रॉन के शुरू होने के बाद से युवा बच्चों को अस्पताल में भर्ती करने की दर 1 लाख युवाओं पर 4 प्रतिशत से ज्यादा पहुंच गई। हालांकि भारत में स्थिति इतनी भयावह नहीं हैं, लेकिन युवा बच्चों के अभिभावकों में इस आंकड़े ने चिंता जरूर पैदा कर दी है।