गृह मंत्रालय का राज्यों को निर्देश, तबलीगी जमात के सभी मेंबर पर रखें नजर, कोरोना संदिग्ध मिलते ही...
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में आयोजित धर्मिक सभा में 2000 से ज्यादा लोगों के मिलने के बाद हड़कंप मचा हुआ है। दिल्ली सरकार ने सभी लोगों को बाहर निकाल लिया है जिनमें से 617 लोगों को अस्पताल भेजा गया है। मरकज मामला सामने आने के बाद देशभर में कोरोना वायरस का खौफ और बढ़ गया है। इस दिशा में अब गृह मंत्रालय ने राज्य सरकारों को निर्देश देते हुए कहा है कि वह अपने प्रदेश में पहुंचने वाले तबलीगी जमात के सदस्यों पर नजर रखें, वह COVID-19 के संभावित वाहक हैं।
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बता दें कि दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में एक बड़ी धार्मिक सभा का आयोजन किया गया था जहां देश विदेश के नागरिक ठहरे हुए थे। इनमें से कई में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है जिसके बाद राजधानी में कुल मामले बढ़कर 127 हो गए हैं, जबकि 2 अन्य लोगों की मौत भी हो चुकी है। दिल्ली से निकलने के बाद अब यह लोग देश के अलग-अलग हिस्सों में पहुंच गए हैं जो कोरोना वायरस के फैसले का कारण बन सकते हैं। केंद्र सरकार ने अब इस मामले पर सख्ती अपनाते हुए राज्य सरकारों को पत्र लिखा है। केंद्र सरकार ने कहा, राज्य सरकारें तबलीगी टीम के विदेशी सदस्य की जांच करे, अगर जरूरत पड़े तो उन्हें क्वारंटाइन या अस्पताल भेजा जाए।
गृह मंत्रालय की तरफ से 28 मार्च को राज्य सरकरों का पत्र लिखकर निर्देश दिया गया कि टूरिस्ट वीजा पर आए सभी विदेशी प्रतिनिधियों (जमात कार्यकर्ताओं) की स्कीनिंग की जाए और इसका विवरण केंद्र सरकार को दिया जाए। गृह मंत्रालय ने राज्य के मुख्य सचिवों और पुलिस प्रमुखों को लिखे पत्र में निर्देश दिया है कि कोरोना वायरस के खतरे को ध्यान में रखते हुए किसी भी तबलीगी टीम के विदेशी सदस्य की जांच की जाए और अगर उनमें लक्षण दिखते हैं तो उन्हें क्वारंटाइन या अस्पताल में भेजा जाए। गृह मंत्रालय ने लिखा, अगर किसी विदेशी नागरिक में संक्रमण नहीं है तो उसे पहली फ्लाइट से वापस उसके देश भेजा जाना चाहिए।
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