गृह मंत्रालय ने कश्मीर में 28,000 अतिरिक्त जवानों की तैनाती से किया इनकार, कही यह बात
नई दिल्ली। गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को उन सभी खबरों को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि घाटी में 28,000 अतिरिक्त जवानों की तैनाती की जाएगी। गृह मंत्रालय ने अपने 26 जुलाई को जारी अधिसूचना की तरफ इशारा करते हुए कहा कि सिर्फ 10,000 अतिरिक्त अर्धसैनिक बल के जवान ही घाटी भेजे गए हैं। गृह मंत्रालय ने यह भी कहा कि एक हफ्ते पहले पैरामिलिट्री फोर्सेज की बस 100 अतिरिक्त कंपनियों की तैनाती का आदेश ही दिया गया था और ये जवान अपने गंतव्य तक पहुंच रहे हैं।

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जवानों को आराम देना मकसद
शुक्रवार को मीडिया में ऐसी खबरें आई थीं कि सरकार की तरफ से मौखिक रूप से 28,000 जवानों को तैनाती के लिए भेजा गया है। मंत्रालय ने कहा है कि 100 कंपनियों की तैनाती का आदेश करीब एक हफ्ते पहले दिया गया था। यह प्रक्रिया जारी है और कंपनियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया जा रहा है। गृह मंत्रालय ने कहा है कि आंतरिक सुरक्षा स्थिति, ट्रेनिंग की जरूरतों, पैरामिलिट्री जवानों के रोटेशन ताकि उन्हें आराम मिल सके और ऐसी वजहों के चलते ट्रूप्स का इंडक्शन और डी-इंडक्शन एक आम प्रक्रिया है।घाटी में पिछले ही हफ्ते 10,000 अतिरिक्त जवानों की तैनाती का आदेश दिया गया था। लेकिन बुधवार को 25,000 से ज्यादा जवानों की तैनाती के मौखिक आदेश ने हलचलें तेज कर दी हैं।
पिछले हफ्ते तैनात हुए 10,000 जवान
सूत्रों की ओर से बताया गया है कि घाटी में करीब 280 कंपनियों की तैनाती के आदेश दिए गए हैं। वहीं इंडिया टुडे ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि सरकार के किसी फैसले या फिर किसी कार्यक्रम की वजह से विरोध प्रदर्शन को रोकने के मद्देनजर ऐसा कदम उठाया गया है। जम्मू कश्मीर में स्थितियों के बारे में कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। इस बीच खबर आ रही है कि ग्लोबमास्टर सी-17 की मदद से जवानों का एयरलिफ्ट किया जा रहा है। पिछले दिनों एनएसए अजित डोवाल घाटी का दौरा करके लौटे हैं और तब से ही घाटी के हालात तेजी से बदल रहे हैं।