मदर्स डे मनाने से पहले जरा यह भी जान लीजिए
सेव द चिल्ड्रेन्स की ओर से 150वीं वार्षिक वर्ल्ड मदर्स रिपोर्ट को जारी किया गया है।
थोड़ा
सुधार
लेकिन
फिर
भी
हालात
चिंताजनक
इस
रिपोर्ट
में
दुनिया
के
कुछ
सबसे
अच्छे
तो
कुछ
सबसे
खराब
उन
देशों
का
जिक्र
किया
गया
है
जो
मांओं
के
लिहाज
से
सबसे
सुरक्षित
और
सबसे
ज्यादा
असुरक्षित
हैं।
इस रिपोर्ट पर अगर यकीन करे तो भारत और नाइजीरिया दो ऐसे देश हैं जहां पर सबसे ज्यादा मांए अपनी जिंदगी गवां देती हैं। वहीं रिपोर्ट के मुताबिक फिनलैंड, नॉर्वे और स्वीडन ये देश गर्भवती महिलाओं के लिए सबसे सुरक्षित देश हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक पूरी दुनिया में जहां हालात बेहतर हो रहे हैं तो वहीं भारत में हालात खराब होते जा रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक महिलाओं और लड़कियों के लिए होने वाले निवेश से ही इस हालात में सुधार लाए जा सकेंगे।
साथ ही इस निवेश के जरिए ही मां और बच्चे की सुरक्षा सुनिश्वित की जा सकेगी। रिपोर्ट के मुताबिक रोजाना 800 महिलाओं की मौत गर्भावस्था या फिर बच्चे को जन्म देते समय हो जाती है। हालांकि वर्ष 1990 से 2013 तक स्थिति में थोड़ा सुधार जरूर आया है।
भारत
को
137वीं
रैंकिंग
भारत
के
लिए
हालांकि
इस
सर्वे
में
अगर
कुछ
राहत
देने
वाला
है
तो
वह
है
उसकी
रैंकिंग
में
सुधार।
पिछले
वर्ष
आई
इस
रिपोर्ट
में
भारत
को
1
42वां
स्थान
हासिल
हुआ
था।
इस
बार
भारत
को
137वीं
रैकिंग
हासिल
हुई
है।
इस रिपोर्ट में 178 देशों पर सर्वे कराया गया था। सर्वे में जिन बातों के आधार पर देशों की रैंकिंग की गई है, उसमें मां और बच्चे का स्वास्थ्य, उनकी शिक्षा के साथ ही साथ आर्थिक और राजनीतिक स्थिति को शामिल किया गया था।
इस रिपोर्ट में सोमालिया को सबसे आखिरी स्थान पर रखा गया है। रिपोर्ट पर अगर यकीन करें तो दुनिया में मां और बच्चे की जितनी मौतें होती हैं, उनमें से एक तिहाई मौतें भारत और नाइजीरिया से रिपोर्ट होती हैं।