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पोस्को एक्ट में विवादित फैसले देने वाली बॉम्बे हाईकोर्ट की जज का बढ़ाया गया कार्यकाल

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High court judge Pushpa Ganediwala: बॉम्बे हाईकोर्ट की जज जस्टिस पुष्पा गनेदीवाला का अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में कार्यकाल बढ़ाया गया है। हाल ही में जस्टिस पुष्पा गनेदीवाला ने पोक्सो (POCSO) एक्ट के तहत दो फैसले सुनाए थे, जिस पर जमकर विवाद हुआ। इस फैसले की सोशल मीडिया पर भी कड़ी आलोचना हुई थी। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने दो साल के बजाय उनको अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में एक साल का नया कार्यकाल दिया है। जस्टिस गनेदीवाला का नया कार्यकाल 13 फरवरी यानी आज से प्रभावी होगा। अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में उनका पूर्व कार्यकाल शुक्रवार को समाप्त हो गया था।

Bombay High Court

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Bombay High Court की जज Pushpa Ganediwala का कार्यकाल एक वर्ष के लिए बढ़ाया | वनइंडिया हिंदी

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 20 जनवरी को जस्टिस पुष्पा को हाईकोर्ट का स्थायी न्यायाधीश बनाने की सिफारिश की थी, लेकिन उनके विवादित फैसलों के बाद नियुक्ति के प्रस्ताव के लिए अपनी मंजूरी वापस ले ली थी। कॉलेजियम ने सिफारिश की थी कि उन्हें 2 साल के लिए अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में एक नया कार्यकाल दिया जाए। अब कानून और न्याय मंत्रालय ने एक अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में उनका कार्यकाल बढ़ाया है।

सूत्रों के मुताबिक मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली सर्वोच्च न्यायालय की तीन सदस्यीय कॉलेजियम ने बॉम्बे उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीश के रूप में जस्टिस गनेदीवाला की सिफारिश की थी, लेकिन उनके दोनों फैसलों पर जमकर विवाद हुआ।

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जानिए कौन से थे वो दो विवादित फैसला

पहला विवादित फैसला जस्टिस पुष्पा की बेंच ने 12 वर्षीय लड़की के यौन उत्पीड़न मामले में दिया था, जिसमें उन्होंने कहा कि नाबालिग बच्ची को निर्वस्त्र किए बिना, उसके ब्रेस्ट को छूने को यौन हमला नहीं कहा जा सकता है। पोक्सो एक्ट के तहत यौन हमले को परिभाषित करने के लिए स्किन टू स्किन कॉन्टैक्ट जरूरी है। हालांकि बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले पर स्टे लगा दिया था। वहीं अपने दूसरे फैसले में एक व्यक्ति को यह कहते हुए राहत दी थी कि पांच साल की नाबालिग का हाथ पकड़ना और उसके सामने पैंट की जिप खोलना पोक्सो के तहत यौन हमले के समान नहीं है, बल्कि IPC की धारा 354 के तहत है।

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English summary
High court judge Pushpa Ganediwala Controversial pocso judgment additional judge One year
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