कांग्रेस पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष पद के लिए ये हैं 4 अहम दावेदार
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में लगातार दूसरी बार करारी हार के बाद कांग्रेस पार्टी के भीतर नेतृत्व में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने चुनाव में हार की जिम्मेदारी लेते हुए कांग्रेस वर्किग कमेटी की बैठक में इस्तीफे की पेशकश की थी। राहुल गांधी की पेशकश के बाद लगातार उन्हें मनाने की कोशिश की गई, लेकिन राहुल गांधी अपने इस्तीफे पर अडिग रहे। जिसके बाद राहुल गांधी की जगह पार्टी के नए अध्यक्ष की तलाश की जा रही है।
कार्यकारी अध्यक्ष
राहुल गांधी ने 25 मई को कांग्रेस की वर्किंग कमेटी में इस्तीफे की पेशकश की थी उसके बाद से पार्टी के भीतर उठापटक का दौर जारी है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष के पद का सुझाव दिया है। जिसकी जिम्मेदारी होगी कि वह राहुल गांधी के उपर जिम्मेदारी के बोझ को कम करेगा। कार्यकारी अध्यक्ष पार्टी के रोजमर्रा के कामकाज पर नजर रखेगा, जबकि राहुल गांदी पार्टी की बड़ी तस्वीर को साधने की कोशिश करेंगे और पार्टी के भीतर नई ऊर्जा का संचार करने का काम करेंगे। पार्टी के नए कार्यकारी अध्यक्ष के उम्मीदवार के तौर पर कुछ नाम सामने आए हैं आईए डालते है उसपर एक नजर।
सचिन पायलट
पार्टी के अध्यक्ष के पद के लिए जो नाम सबसे आगे चल रहा है वह सचिन पायलट का नाम है। सचिन पायलट एक मुखर प्रवक्ता हैं और विवादों से दूर रहते हैं। पायलट महज 41 वर्ष के हैं, वह युवाओं से सीधा संवाद स्थापित कर सकसते हैं। सचिन पायलट राजेश पायलट के बेटे हैं ऐसे में पार्टी के वरिष्ठ नेता उनकी ओर इस नई जिम्मेदारी के लिए देख रहे हैं। वर्ष 2013 में उन्होंने कांग्रेस को राजस्थान को खड़ा करने में अहम भूमिका निभाई थी। 2018 के विधानसभा चुनाव में वह प्रदेश के मुख्यमंत्री पद के दावेदार भी थे, हालांकि बाद में अशोक गहलोत को प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया।
अशोक गहलोत
हालांकि राहुल गांधी ने वर्किंग कमेटी की बैठक में अशोक गहलोत सहित पार्टी के अन्य नेताओं पर अपने बेटों को आगे बढ़ाने का आरोप लगाया था। लेकिन बावजूद पार्टी के अध्यक्ष पद की रेस में अशोक गहलोत का नाम आगे है। अशोक गहलोत को अहमद पटेल का करीबी माना जाता है। यहां गौर करने वाली बात है कि अहमद पटेल सोनिया गांधी के विश्वासपात्र हैं। गहलोत की पार्टी के भीतर वृहद स्वीकार्यता है। कैप्टन अमरिंदर सिंह, कमलनाथ, अशोक चव्हाण के साथ भी उनके बेहतर ताल्लुकात हैं। उन्हें संगठन का व्यक्ति माना जाता है। राजस्थान का मुख्यमंत्री रहने के अलावा गहलोत ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष, और पार्टी के महासचिव की भूमिका भी निभाई है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया
राहुल गांधी के करीबी ज्योतिरादित्य सिंधिया को इस बार लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है। लेकिन बावजूद इसके वह पार्टी के अध्यक्ष पद की रेस में बने हुए हैं। सिंधिया पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रभारी थे। लेकिन प्रदेश में कांग्रेस पार्टी का प्रदर्शन काफी शर्मनाक रहा और महज एक सीट पर जीत हासिल हुई। बहरहाल देखने वाली बात यह होगी कि चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद भी क्या सिंधिया को यह जिम्मेदारी मिलती है।
प्रियंका गांधी
राहुल गांधी के बाद पार्टी के अध्यक्ष के तौर पर सबसे ज्यादा पसंदीदा विकल्प प्रियंका गांधी वाड्रा का नाम सामने आया है। नेहरू-गांधी परिवार से प्रियंका गांधी पार्टी के लिए अध्यक्ष पद पर एक बेहतरीन विकल्प हो सकती हैं। प्रियंका गांधी को युवा चेहरे के तौर पर देखा जाता है, वह मतदाताओं को अपनी ओर खींचती भी हैं, साथ ही पार्टी के आम कार्यकर्ताओं के साथ भी उनका बेहतर कनेक्ट है। सबसे अच्छी बात यह होगी कि गांधी परिवार के लिए पार्टी की कमान परिवार के साथ ही रहेगी।