हेल्थ एस्सपर्ट ने पीएम मोदी को किया आगाह - अनियोजित टीकाकरण म्यूटेंट स्ट्रेन को बढ़ावा दे सकता है
नई दिल्ली, 10 जून। एम्स के डॉक्टरों और COVID-19 पर राष्ट्रीय कार्यबल के सदस्यों सहित सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों के एक समूह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि अनियोजित टीकाकरण म्यूटेंट स्ट्रेन का बढ़ावा दे सकता है।
हेल्थ विशेषज्ञों ने कहा बड़े पैमाने पर, अंधाधुंध और अधूरा टीकाकरण कोरोनो के म्यूटेंट स्ट्रेन को ट्रिगर कर सकता है। इसके साथ ही एक्सपर्ट ने अनुरोध किया कि टीका लगाने की कोई आवश्यकता नहीं है। जिन्होंने कोरोनावायरस संक्रमण को हाल ही में मात दी है। अपनी नवीनतम रिपोर्ट में, विशेषज्ञों ने कहा कि बच्चों सहित बड़े पैमाने पर आबादी वाले टीकाकरण के बजाय कमजोर और जोखिम वाले लोगों का टीकाकरण करवाना वर्तमान समय में सरकार का लक्ष्य होना चाहिए।
इंडियन पब्लिक हेल्थ एसोसिएशन (आईपीएचए), इंडियन एसोसिएशन ऑफ प्रिवेंटिव एंड सोशल मेडिसिन (IAPSM) और इंडियन एसोसिएशन ऑफ एपिडेमियोलॉजिस्ट (IAE) के विशेषज्ञों ने ये सरकार को सलाह दी है। विशेषज्ञों ने अपनी इस नई रिपोर्ट में कहा "देश में महामारी की वर्तमान स्थिति की मांग है कि हमें इस स्तर पर सभी आयु समूहों के लिए टीकाकरण करवाने के बजाय टीकाकरण को प्राथमिकता देने के लिए रसद और महामारी विज्ञान के आंकड़ों द्वारा निर्देशित किया जाना चाहिए।
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विशेषज्ञों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपी गई रिपोर्ट में कहा, "सभी मोर्चों पर टीकाकरण शुरू करने से और अन्य संसाधन समाप्त हो जाएंगे और जनसंख्या स्तर पर प्रभाव डालने के लिए इसे बहुत नेरो कर दिया जाएगा।" इस बात पर प्रकाश डालते हुए कि युवा वयस्कों और बच्चों का टीकाकरण के साक्ष्य अभी पर्याप्त नहीं हैं और यह लागत प्रभावी नहीं होगा, उन्होंने कहा कि अनियोजित टीकाकरण उत्परिवर्ती उपभेदों को बढ़ावा दे सकता है।