Hathras: कड़ी सुरक्षा के बीच लखनऊ से हाथरस लौटा पीड़ित परिवार, कहा- इंसाफ मिलने पर ही करेंगे बेटी का अस्थि विसर्जन
Hathras: कड़ी सुरक्षा के बीच लखनऊ से हाथरस लौटा पीड़ित परिवार, कहा- इंसाफ मिलने पर ही करेंगे बेटी का अस्थि विसर्जन
हाथरस/लखनऊ: उत्तर प्रदेश के हाथरस (Hathras Case) में पीड़िता का परिवार सोमवार (12 अक्टूबर) को कड़ी सुरक्षा में देर रात वापस अपने घर पहुंचा। हाथरस गैंगरेप हत्या मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच के सामने पीड़ित परिवार (Hathras victim Family) की पेशी थी। कोर्ट में पेशी के बाद मीडिया से बात करते हुए परिवार ने कहा है कि जबतक उनको इंसाफ नहीं मिल जाता, वो अपनी बेटी का अस्थि विसर्जन नहीं करेंगे। हाथरस गैंगरेप और हत्या मामले की जांच अब सीबीआई (CBI) द्वारा की जा रही है। इस मामले में चार आरोपियों के खिलाफ सीबीआई ने कथित तौर पर रेप और हत्या का केस दर्ज किया है।
Recommended Video
Hathras: हाई कोर्ट ने लिया स्वत: संज्ञान
हाथरस केस को लेकर के इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इस मामले पर स्वत: संज्ञान लिया है। जिसके बाद सोमवार को लखनऊ में इलाहाबाद हाई कोर्ट की बेंच के सामने पीड़िता के परिवार ने अपना बयान दर्ज कराया गया है। परिवार ने बताया कि उन्होंने कोर्ट को बताया है कि उनकी बेटी का अंतिम संस्कार बिना उनकी मर्जी के किया गया है। परिवार सुबह 5.30 बजे के आस-पास पुलिस के साथ कड़ी सुरक्षा में हाथरस से लखनऊ के लिए रवाना हुआ था और रात 11 बजे वापस अपने घर पहुंचा।
Hathras: मामले की अगली सुनवाई 2 नवंबर को
लखनऊ में इलाहाबाद हाई कोर्ट की बेंच के सामने पीड़िता के माता-पिता, दोनों भाई, एक भाभी पेश हुए थे। परिवार की सुरक्षा के लिए बड़ी संख्या में हाथरस के गांव में पुलिस को तैनात किया गया है।
कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को फटकार लगाई है। कोर्ट ने पीड़िता के अंतिम संस्कार के मुद्दे पर पुलिस-प्रशासन से भी सवाल किए हैं। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 2 नवंबर तय की है।
कोर्ट में परिवार की तीन मांगे
लखनऊ में इलाहाबाद हाई कोर्ट की बेंच की सुनवाई के दौरान पीड़ित परिवार ने तीन मांगे की हैं। उन्होंने कहा है कि मामले को उत्तर प्रदेश से बाहर किसी अन्य राज्य में ट्रांसफर कर दिया जाए। दूसरी ये मांग की है कि सीबीआई जांच को पूरी तरह गुप्त रखा जाए। परिवार ने तीसरी मांग अपनी सुरक्षा को बताया है। उन्होंने कोर्ट से मामले की जांच होने तक पूरी सुरक्षा मांगी है।
इस मामले में यूपी की योगी सरकार ने हाथरस के एसपी, डीएसपी और इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया है। 19 साल की दलित पीड़िता के साथ कथित तौर पर रेप 14 सितंबर 2020 को हुआ था, जिसके बाद 29 सितंबर की सुबह पीड़िता की मौत हो गई।
ये भी पढ़ें- हाथरस कांड: पीड़ित परिवार और अफसरों के बयान दर्ज हुए, अगली सुनवाई 2 नवंबर को