हरियाणा: रानियां के निर्दलीय MLA रणजीत सिंह ने बीजेपी को दिया समर्थन
नई दिल्ली। हरियाणा विधानसभा चुनाव में किसी की पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है। लेकिन बीजेपी राज्य की सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी है। अब वह निर्दलीय विधायकों के समर्थन से फिर से सरकार बनाने की तैयारी में है। इसी बीच ऐसी रानियां सीट निर्दलीय विधायक रणजीत सिंह ने बीजेपी को समर्थन देने का ऐलान कर दिया। बता दें कि सिरसा जिले की पांच विधानसभा सीटों में इस बार भाजपा के खाते में कोई सीट नहीं आई है।
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रानियां से जीते रणजीत सिंह 31 साल बाद वे एक बार फिर से विधानसभा की सीढ़ियां चढ़ेंगे। गुरुवार देर रात एक वीडियो सामने आया था। जिसमें रंजीत सिंह यह कहते सुने गए कि, मैं बीजेपी को अपना समर्थन दे रहा हूं, मैं रानियां विधानसभा से एमएलए चुनकर आया हूं, मैं मोदी जी की नीतियों को ध्यान में रखते हुए बीजेपी को अपना समर्थन दे रहा हूं। रणजीत सिंह को रानियां से दो विधानसभा चुनावों में हार का मुंह देखना पड़ा था।
जिसके बाद कांग्रेस पार्टी ने इस बार उनका टिकट काटकर नए उम्मीदवार विनीत कंबोज को दे दिया था। टिकट कटने से नाराज रणजीत सिंह ने निर्दलीय लड़ने की घोषणा कर दी। रणजीत सिंह 1987 में चौधरी देवीलाल के नेतृत्व में लोकदल की सरकार में कृषि मंत्री बने। चौधरी देवीलाल देश के उप प्रधानमंत्री बने तो ओपी चौटाला हरियाणा के मुख्यमंत्री बने। लेकिन रणजीत सिंह ने उनके नेतृत्व को स्वीकार नहीं हकिया और कांग्रेस में शामिल हो गए। 1996 के विधानसभा चुनावों में रणजीत सिंह को टिकट नहीं मिली।
इसके बाद 1998 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजेपयी की सरकार गिरने पर लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने उन्हें हिसार लोकसभा क्षेत्र से टिकट दी, लेकिन वे हार गए। 2005 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने उन्हें टिकट नहीं दी। लेकिन वे कांग्रेस सरकार में योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष रहे। 2009 में नए परिसीमन के बाद रानियां विधानसभा सीट से लड़े और लेकिन कृष्ण कंबोज से हार गए। 2014 में रामचंद्र कंबोज से हार गए। लेकिन टिकट कटने के बाद कांग्रेस से बागी होकर आजाद चुनाव मैदान में उतरे और जीत गए।
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