हरियाणा: मानवाधिकार आयोग का बुरा हाल, गौ-सेवा आयोग में फुल हैं पद
आरटीआई एक्टिविस्ट और जन अभियान मंच के सदस्य पीपी कपूर का कहना है कि आयोग के पास इस समय मानवाधिकार उल्लंघन के कुल 2205 केस पेंडिग पड़े हैं।
नई दिल्ली। हरियाणा में राज्य मानवाधिकार आयोग में कई अहम पदों के खाली रहने से मामलों की सुनवाई नहीं हो पा रही है। आयोग में पिछले 19 महीनों से चेयरमैन समेत कई सदस्यों के पद खाली पड़े हैं । इसी वजह से आयोग के कई काम ठप्प पड़े हैं। वहीं गो-सेवा आयोग के सभी 16 पद भरे हैं। मानवाधिकार आयोग के सभी अहम पद खाली होने को लेकर सवाल उठ रहे हैं। सवाल ये कि सरकार मानवाधिकारों को लेकर कितनी सजग और संवेदनशील है।
बता दें कि हरियाणा में गायों के रहने के लिए बनी गौशालाओं की निगरानी के लिए हरियाणा में गौ-सेवा आयोग की स्थापना की गई है। इसके चेयरमैन बानी राम मंगला के साथ 16 सदस्य कार्यरत है। आयोग गौ-सेवा के लिए जारी बजट के उपयोग पर भी नजर रखता है। वहीं मानवाधिकार आयोग करीब साढ़े पांच साल बनाया गया था। इस समय हालत ये है कि पिछले 19 महीनों से चेयरमैन का पद खाली पड़ा है, जबकि करीब 5 महीने से आयोग के दो सदस्य भी रिटायर हो चुके हैं। इसका असर ये है कि मानवाधिकार से जुड़े मुद्दों को उठाने वाले लोगों को परेशान होकर इधर-उधर घूमना पड़ रहा हैं।
आयोग
में
कुल
2205
केस
है
पेंडिग
आरटीआई
एक्टिविस्ट
और
जन
अभियान
मंच
के
सदस्य
पीपी
कपूर
का
कहना
है
कि
आयोग
के
पास
इस
समय
मानवाधिकार
उल्लंघन
के
कुल
2205
केस
पेंडिग
पड़े
हैं।
इन
पर
कोई
भी
फैसला
नहीं
हो
पा
रहा
है।
कपूर
को
ये
जानकारी
आरटीआई
के
तहत
मिली
है।
पीपी
कपूर
के
अनुसार
कुल
83
स्वीकृत
पदों
में
से
34
पद
खाली
पड़े
हैं।
रिक्त
पदों
में
दो
रजिस्ट्रार,
एक
संयुक्त
रजिस्ट्रार,
एक
सहायक
रजिस्ट्रार
और
विशेष
सचिव
के
दो
पद
जैसे
महत्वपूर्ण
पद
भी
खाली
पड़े
हैं।राज्य
मानवाधिकार
आयोग
की
साढ़े
छह
करोड़
रुपए
की
सालाना
बजट
धनराशि
कोई
भी
काम
न
होने
से
व्यर्थ
जा
रही
है।
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