'वोट किसको-सपोर्ट किसको' के विपक्ष के सवाल का दुष्यंत चौटाला ने दिया ये जवाब
नई दिल्ली। हरियाणा में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी और भारतीय जनता पार्टी ने मिलकर सरकार बनाने का फैसला किया। रविवार को मनोहर लाल खट्टर ने राज्य के मुख्यमंत्री और दुष्यंत चौटाला ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। वहीं, बीजेपी को समर्थन देने के फैसले के कारण विपक्षी दल जेजेपी प्रमुख पर निशाना साध रहे हैं, जिसका अब दुष्यंत चौटाला ने जवाब दिया है।
'वोट किसको-सपोर्ट किसको' पर क्या बोले चौटाला
दुष्यंत चौटाला ने विपक्ष के 'वोट किसको और सपोर्ट किसको' के विपक्ष के सवाल पर अपना रुख साफ किया है। चौटाला ने कहा कि हमने ना बीजेपी और ना ही कांग्रेस के लिए वोट मांगा। जेजेपी ने राज्य में एक स्थिर सरकार बनाने का फैसला लिया है। दुष्यंत चौटाला ने कहा, 'जो ये पूछ रहे हैं कि 'वोट किसको और सपोर्ट किसको', तो क्या हमने उनके लिए वोट मांगा था।' बता दें कि कांग्रेस ने भी चौटाला को गठबंधन कर सरकार बनाने का ऑफर दिया था लेकिन उन्होंने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की थी और बाद में साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने का ऐलान किया था।
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डिप्टी सीएम बने दुष्यंत चौटाला
हरियाणा में 21 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव हुआ था। राज्य की 90 सीटों में से बहुमत के लिए जरूरी 46 के आंकड़े पर किसी पार्टी के ना पहुंच पाने के बाद 40 सीटें जीतने वाली भाजपा ने 10 सीटों पर विजयी रही जेजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने का फैसला किया। इस सहमति के मुताबिक, भाजपा को सीएम और जेजेपी को डिप्टी सीएम पद मिला।
मनोहर लाल खट्टर ने ली दोबारा सीएम पद की शपथ
मनोहर लाल खट्टर की बात करें तो वे लगातार दूसरी बार हरियाणा के सीएम बने हैं। 2014 के विधानसभा चुनाव में जीत के बाद वे पहली बार मुख्यमंत्री बने थे। इस चुनाव में भाजपा ने 47 सीटें जीती थीं और पहली बार अकेले दम पर बहुमत के आंकड़े तक पहुंची थी। वहीं डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला पहली बार विधायक चुने गए हैं। इससे पहले वे 2014 में सासंद रह चुके हैं। हरियाणा की 90 सीटों पर हुए चुनाव में बीजेपी को 40 और जेजेपी को 10 सीटें मिली। जबकि राज्य में कांग्रेस को 31 सीटों पर जीत मिली है। हालांकि, इनेलो को केवल एक सीट से ही संतोष करना पड़ा है।