एंबुलेंस ना मिलने पर बच्चे को ले 10 किमी पैदल चली विधवा, गोद में तोड़ा मासूम ने दम
अस्पताल के एंबुलेंस ना देने पर बच्चे को गोद में ले 10 किमी चली विधवा,
गुमला। झारखंड के गुमला में एक विधवा के तीन साल के बच्चे की मौत इसलिए हो गई क्योंकि बीमार बच्चे के लिए अस्पताल ने एंबुलेंस देने से इंकार कर दिया। 50 किमी दूर गांव के लिए मां बीमार बच्चे को गोद में लेकर लौटने लगी लेकिन 10 किमी चलने के बाद उसके बच्चे ने गोद में ही दम तोड़ दिया।
रांची के लिए कर दिया था रेफर
गुमला के सदर अस्पताल में बरांग गांव की विधवा ने तीन साल के बच्चे को बीमार होने के बाद भर्ती कराया था। महिला का कहना है कि बुखार, पेट में जख्म और टीबी की बात डॉक्टरों ने कही। वहीं उसकी तबीयत में भी कोई सुधार नहीं हुआ तो अस्पताल के डॉक्टरों ने बच्चे को रांची के रिम्स में ले जाने की बात कही।
रेफर कर दिया लेकिन नहीं दी एंबुलेंस
महिला का कहना है कि उसने अस्पताल से एंबुलेंस की व्यवस्था करने को कहा ताकि वो अपने बच्चे को रांची ले जा सके। उसने बताया कि वो गरीब विधवा है और उसके पास इतने पैसे नहीं कि वो अपने खर्च से बच्चे को रांची ले जा सके। महिला के अनुसार जब अस्पताल ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया तो वो बच्चे को लेकर अस्पताल से 50 किमी दूर अपने गांव लौटने लगी। उसके पास बस का किराया नहीं था, ऐसे में वो बीमार बच्चे को गोद में लेकर लौटने लगी। वो गुमला सदर अस्पताल से 10 किमी दूर टोटो पहुंची कि मां की गोद में ही बीमार बेटे ने दम तोड़ दिया।
अस्पताल प्रशासन ने महिला का आरोप नकारा
गुमला सदर अस्पताल के डॉ आरएन यादव ने कहा कि बच्चे का इलाज हो रहा था और उसे रेफर नहीं किया गया था। अचानक डॉक्टरों ने पाया कि महिला अपने बच्चे को लेकर चली गई है। गुमला पुलिस ने बताया कि टोटो में महिला को बच्चे के साथ लोगों ने परेशानी की हालत में देखा को ऑटो के लिए पैसा इकट्ठा कर उसकी मदद की और उसे घर के लिए भेजा।