गुजरात में दलितों की डिमांड, गायों को दिया जाए आधार कार्ड
दलित एक्टिविस्ट नाटू परमार 10 मई को 'जीव मत्रा करुणा ने पत्रा' थीम पर एक बड़ा सम्मेलन आयोजित करने की तैयारी कर रहे हैं। जिसमे पूरे सूबे से दलित शामिल होंगे।
नई दिल्ली। गायों की सुरक्षा और बेहतर देखभाल का हवाला देकर गुजरात के दलित समुदाय ने नई मांग रखी है। दलितों ने कहा है कि गायों को आधार कार्ड दिया जाना चाहिए। साथ ही उनका कहना है कि प्रत्येक गांव में भूसे का डिपो होना चाहिए ताकि ये सुनिश्चित हो सके कि गाय प्लास्टिक ना खाएं।
'जीव मत्रा करुणा ने पत्रा' थीम
सुरेंद्रनगर के रहने वाले दलित एक्टिविस्ट नाटू परमार 10 मई को 'जीव मत्रा करुणा ने पत्रा' थीम पर एक बड़ा सम्मेलन आयोजित करने की तैयारी कर रहे हैं। जिसमे पूरे सूबे से दलित शामिल होंगे।उना मामले के बाद दलित अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं, ये लोग सम्मेलन में शामिल होंगे। इसके अलावा एक बड़ा गाय का प्रोटोटाइप, जिसके पेट में काफी मात्रा में प्लास्टिक होगी भी इस आयोजन में रखा जाएगा।
हर गांव में हो एक भूसे का डिपो
नाटू परमार ने कहा कि इस सम्मेलन का मकसद सरकार को यह बताना है कि गायों को भी अच्छा खाना मिलना चाहिए। गुजरात के बूचड़खानों में इतनी गायें नहीं मरतीं, जितना प्लास्टिक खाने से मरती हैं। हमारी मांग है कि सभी भारतीय नागरिकों की तरह गायों को भी आधार कार्ड दिया जाना चाहिए और हर गांव में एक भूसे का डिपो बनाया जाना चाहिए। दलितों ने गौचर भूमि का मुद्दा भी उठाया और कहा कि इसमें तेजी से गिरावट आ रही है। उन्होंने कहा कि इसे कौड़ियों के भाव में उद्योगों को दिया जा रहा है।
गौचर भूमि किसानों को वापस की जाए
एक अन्य दलित एक्टिविस्ट मार्टिन मैक्वन ने कहा है कि, हमारी मांग है कि गौचर भूमि किसानों को वापस की जाए और यह सिर्फ गायों के लिए इस्तेमाल होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मरने वाली हर गाय का पोस्टमॉर्टम होना चाहिए, ताकि मौत का सटीक तरीका पता चल सके। मार्टिन ने कहा कि गौचर जमीन उद्योगों को दे दी जाती हैं और गायों को सिर्फ प्लास्टिक खाने के लिए छोड़ दिया जाता है।
गौ हत्या को लेकर राज्य सरकार है संजीदा
गुजरात में दलितों की मांग ऐसे समय पर आई है जब राज्य सरकार ने गोहत्या के लिए कानून में प्रावधान कर उम्रकैद की सजा तय की है। गौ हत्या को लेकर राज्य सरकार काफी संजीदा है। गुजरात ही नहीं पूरे देश में गौ हत्या के खिलाफ माहौल बन रहा है। यूपी में बीजेपी की सरकार आने के बाद अवैध चल रहे स्लॉटर हाउसेज पर गाज गिरी है।