आखिर क्यों कांग्रेस में शामिल नहीं हुए जिग्नेश मेवाणी? खुद बताई वजह
नई दिल्ली, सितंबर 28: पूर्व सीपीआई नेता कन्हैया कुमार आज कांग्रेस में शामिल हो गए। उनके साथ गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी भी कांग्रेस में शामिल होने वाले थे, लेकिन वह फिलहाल वैचारिक रूप से ही पार्टी से जुड़े हैं, लेकिन आधिकारिक तौर पर बाद में शामिल होंगे।जिग्नेश मेवाणी ने बुधवार को कहा कि वह 'तकनीकी कारणों' से कांग्रेस में शामिल नहीं हो सके, लेकिन आगामी विधानसभा चुनाव पार्टी के चुनाव चिह्न पर लड़ेंगे।
मीडिया ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए, मेवाणी ने कहा कि एक टेक्निकल कारण के चलते मैं औपचारिक तौर पर पार्टी में शामिल नहीं हो सकता क्योंकि मैं एक निर्दलीय विधायक हूं। यदि मैं पार्टी जॉइन कर लेता हूं तो एक विधायक के तौर पर काम नहीं कर पाउंगा। दरअसल दलबदल विरोधी कानून के मुताबिक, चुनाव के बाद किसी राजनीतिक दल में शामिल होने पर स्वतंत्र विधायक अयोग्य हो जाता है। हालांकि मेवाणी ने जोर देकर कहा कि वह वैचारिक रूप से कांग्रेस के साथ जुड़े हुए हैं।
दलित नेता जिग्नेश मेवाणी ने आगे कहा कि, मैंने पार्टी के सीनियर नेताओं से बात की, अपने विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं से बात की, राहुल गांधी जी से बात हुई, अपने आप से बात हुई तो मुझे लगा कि इस विचार के साथ होना सबसे प्रमुख बात है। मैं इस मुहिम, इस संघर्ष के साथ हूं, और यह सबसे महत्वपूर्ण बात है। बाकी की औपचारिकताएं तो आने वाले महीनों में भी हो जाएंगी।
वडगाम के विधायक मेवाणी ने कहा कि, राहुल गांधी जी ने भी कहा कि पर्चा भरने वाली जो बात है वह तो कल भी कर लेना। अभी अपने क्षेत्र के लोगों का काम करो, लेकिन मैं यह कह सकता हूं कि 2022 का चुनाव मैं कांग्रेस के चुनाव चिन्ह से ही लड़ूगा और उनके लिए चुनाव प्रचार भी करूंगा। लोकतंत्र और भारत के विचार को बचाने के लिए, मुझे उस पार्टी के साथ रहना होगा जिसने स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व किया और अंग्रेजों को देश से बाहर निकाला। इसलिए मैं आज यहां कांग्रेस के साथ हूं।
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2017 के गुजरात विधानसभा चुनावों में मेवाणी ने बनासकांठा जिले की वडगाम सीट से एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था। इस दौरान उन्हें कांग्रेस की ओर से बाहरी समर्थन मिला था। कांग्रेस ने इस सीट पर अपना प्रत्याशी नहीं उतारा था। तत्कालीन कांग्रेस विधायक मणिभाई वाघेला ने कहा कि पार्टी की राज्य इकाई ने उन्हें मेवाणी के साथ "एक समझौते के तहत" अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित सीट से चुनाव लड़ने के लिए कहा था।