Gujarat Assembly Election: हार्दिक का मुखर भाजपा विरोध ही उन्हें करेगा नुकसान!
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गांधीनगर। गुजरात में 9 दिसंबर को पहले चरण को होने वाले मतदान के लिए नामांकन की आखिरी तारीख 21 नवंबर है। हालांकि कांग्रेस और पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (PAAS) के बीच सीटों पर तकरार अभी भी जारी है। नामांकन में सिर्फ दो दिन बचे हैं और अगर यह खींचतान जारी रही तो दोनों को चुनाव में खासा नुकसान भी हो सकता है। बता दें कि रविवार शाम कांग्रेस और हार्दिक पटेल के संगठन PAAS के बीच सहमति की खबरें आई थीं लेकिन देर रात कांग्रेस ने 77 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी। इसके बाद फिर फूट पड़ती दिखी। ऐसा लग रहा है कि भाजपा का मुखर विरोध करना ही हार्दिक पटेल के लिए गले की फांस बन जाएगा।
हार्दिक समर्थकों का हंगामा
कांग्रेस की ओर से किए गए सीट बंटवारे में हार्दिक समर्थकों का आरोप है कि उन्हें ज्यादा महत्तवपूर्ण नहीं माना। टिकटों की सूची जारी होते ही हार्दिक समर्थकों ने रात में ही हंगामा शुरू कर दिया। कांग्रेस की सूची में हार्दिक के संगठन PAAS के 2 नेताओं के नाम भी शामिल हैं। बता दें कि आज हार्दिक, कांग्रेस और PAAS के बीच हुए समझौते का ऐलान राजकोट की एक रैली में करने वाले थे लेकिन उनकी रैली रद्द हो गई है।
हार्दिक की क्षमता हुई कम
चुनावी विश्लेषकों का कहना है कि हार्दिक को सिर्फ 4 सीट देने रही कांग्रेस के रुख से यह एकदम स्पष्ट है कि वो उन्हें बहुत महत्ता नहीं देना चाहती। गौरतलब है कि 22 साल में उपजे भाजपा विरोधी रुख को भुनाने की कोशिश हार्दिक ने की लेकिन इससे अब कांग्रेस को यह लग रहा है कि वो भाजपा से हाथ नहीं मिला सकते। चुनाव में PAAS का अकेले उतरना आसान होगा नहीं ऐसे में उनके पास कांग्रेस के अलावा कोई और विकल्प नहीं है। कहा यह भी जा रहा है कि दो सेक्स टेप आने के बाद हार्दिक की क्षमता कम हुई है।
पाटीदार नेता ने कहा- अब हम घर जाकर सोएंगे
वही कांग्रेस की ओर से जारी की गई पहली सूची पर PAAS के सह संयोजक दिनेश पटेल ने कहा कि अब हम घर पर जाकर सोएंगे, आराम से। भरत सिन्ह को जरूरत होगी तो वो फोन करेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का जमकर विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि वो कांग्रेस के पटेल प्रत्याशियों से कहेंगे कि वो नामांकन ना करें, अगर उन्होंने किया तो वो उनका विरोध करेंगे।
कांग्रेस को समर्थन देने पर विचार
PAAS के ही नेता दिनेश बंभानिया ने कहा कि एक बार फिर से कांग्रेस को समर्थन देने पर विचार करना होगा। उन्होंने कहा कि जब तक आरक्षण और टिकटों के मामले में आश्वासन नहीं मिल जाता तो हम ठीक पहले कांग्रेस से समर्थन खींच लेंगे। बता दें कि अगर ऐसा हुआ तो गुजरात चुनाव में यह कांग्रेस के लिए खासा झटका होगा।