Gujarat Assembly Election 2017: गुजरात में कांग्रेस के जादू के पीछे इस जादूगर का हाथ
नई दिल्ली। आज गुजरात विधनासभा चुनावों के नतीजे आ रहे हैं, भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए प्रतिष्ठा बने इस चुनाव में दोनों ही पार्टियों ने दावा किया है कि इस बार सरकार वो ही बनाएंगे, जहां ये मोदी का गृह राज्य है वहीं अभी तक हर जगह नाकाम साबित हो चुके राहुल गांधी के लिए ये इज्जत का सवाल है , कोई मंदिर ऐसा नहीं जहां उन्होंने मत्था ना टेका हो और रूझानों को देखकर लग भी रहा है कि शायद उनका मत्था टेकना लोगों को भा भी गया है क्योंकि कांग्रेस का प्रदर्शन उम्मीद से कई गुना गुजरात में अच्छा दिख रहा है। कांग्रेस के इस हैरत अंगेज कारनामे के पीछे एक जादूगर का हाथ बताया जा रहा है और उस जादूगर का नाम है अशोक गहलोत, जिन्हें राजस्थान में इसी नाम से पुकारा भी जाता है।
राहुल गांधी की इमेज सुधारने में गहलोत का बहुत बड़ा हाथ है, राजस्थान में सत्ता गंवाने के बाद भी कांग्रेस और राहुल को उन पर भरोसा था, चैत्र-वैशाख में जब पार्टी हाई कमान ने अशोक गहलोत को गुजरात का प्रभार देकर भेजा तो लोगों के अंदर काफी कौतूहल था कि ऐसे कैसे किसी राजस्थानी को गुजरात की कमान सौंप दी गई लेकिन गहलोत ने साबित कर दिया कि उन पर दांव खेलकर कुछ भी गलत नहीं किया गया है। गुजरात के चुनाव अभियान ने उन्हें फिर से मज़बूत भूमिका में ला दिया, वो इस कदर चुनाव अभियान में जुटे कि दिवाली पर भी अपने घर नहीं लौटे।
ना तो प्रखर वक्ता है और ना किसी राजसी परिवार से आते हैं
गहलोत को कार्यकर्ताओं का नेता कहा जाता है, वो ना तो प्रखर वक्ता है और ना किसी राजसी परिवार से आते हैं, लेकिन अपनी मंद मुस्कान और सीधी-सादी छवि के जरिए वो लोगों के दिलों में जगह बनाते हैं। उन्हें 'पार्टी संगठन' का व्यक्ति कहा जाता है और जो अपने सामाजिक सेवा कार्य के ज़रिए इस ऊँचाई तक पहुंचे हैं, इंदिरा जी के भी प्रिय रहे गहलोत आज राहुल गांधी को चमकाने में कामयाब होते दिख रहे हैं। फिलहाल नतीजे कुछ भी हो इसमें कोई शक नहीं कि इस बार गुजरात में पंजे ने कमल को कड़ी चुनौती दे ही दी, जिसकी उम्मीद किसी को भी नहीं थी।