ग्राउंड रिपोर्ट: हरियाणा के नूह में नाबालिग से 'रेप' और 'खुदकुशी' का पूरा सच
हरियाणा के नूह ज़िले के एक गांव में 17 साल की एक मुस्लिम लड़की को पहले अगवा किया गया फिर कथित रूप से उसके साथ बलात्कार कर उसे सड़क पर फेंक दिया गया.
घटना से परेशान लड़की ने घर पहुंचने पर कथित तौर पर फांसी लगाकर जान दे दी.
बलात्कार का आरोप कुल सात लोगों पर है जिनमें से एक लड़की के रिश्ते का भाई लगता है. एफ़आईआर में नामजद सभी अभियुक्त भी मुसलमान ही हैं.
पुलिस ने
हरियाणा के नूह ज़िले के एक गांव में 17 साल की एक मुस्लिम लड़की को पहले अगवा किया गया फिर कथित रूप से उसके साथ बलात्कार कर उसे सड़क पर फेंक दिया गया.
घटना से परेशान लड़की ने घर पहुंचने पर कथित तौर पर फांसी लगाकर जान दे दी.
बलात्कार का आरोप कुल सात लोगों पर है जिनमें से एक लड़की के रिश्ते का भाई लगता है. एफ़आईआर में नामजद सभी अभियुक्त भी मुसलमान ही हैं.
पुलिस ने इस मामले में अभी तक किसी अभियुक्त को गिरफ़्तार नहीं किया है.
मेडिकल रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हुई है कि लड़की का कौमार्य भंग हुआ है और उसके शरीर पर वीर्य जैसा पदार्थ पाया गया है और मौत की वजह दम घुटने और ऑक्सीजन की कमी बताई गई है.
मेवात की एसपी नाज़नीन भसीन ने बीबीसी से कहा, "प्रथम दृष्टया ये आत्महत्या का मामला ही है. पुलिस अभी इसे आत्महत्या मानकर ही जांच कर रही है."
अभी तक किसी अभियुक्त की गिरफ़्तारी न होने के सवाल पर उन्होंने कहा, "पुलिस जांच कर रही है और गिरफ़्तारी की कोशिशें की जा रही हैं."
क्या ये ऑनर किलिंग या सम्मान के नाम पर हत्या का मामला भी हो सकता है, इस सवाल पर उन्होंने कहा, "अभी हम जांच कर रहे हैं, प्रथम दृष्ट्या ये आत्महत्या का मामला ही है, अगर कोई और पहलू है तो वो जांच में सामने आ जाएगा."
घटना
लड़की के परिवार और पुलिस थाने में दर्ज एफ़आईआर के मुताबिक़ ये घटना 30 अप्रैल की है. रात के क़रीब तीन बजे जब घरवालों को पता चला कि लड़की घर पर नहीं है तो उनके पिता और रिश्तेदार उसे ढूंढने निकले.
पिता ने बताया कि उनकी बेटी सड़क पर बेहोशी की हालत में मिली. उसे घर लाया गया, लेकिन बिना कुछ पूछे उसे सुला दिया गया.
उन्होंने बताया, "लोक-लज्जा से उस समय हम लोगों ने ये बात बाहर नहीं जाने दी और परिवार ने घर की बात घर में ही रहने देने का फ़ैसला किया."
लेकिन दोपहर एक बजे लड़की बाथरूम में गई और कथित तौर पर उसने दुपट्टे से फांसी लगा ली.
एसएचओ ने इस बात की भी पुष्टि की कि पुलिस की मौजूदगी में ही बाथरूम का दरवाज़ा तोड़ा गया था, जहां लड़की ने खुद को फांसी लगाई थी.
मौत के वक्त घर पर नहीं थे माता-पिता
लड़की ने कथित तौर पर जब फांसी लगाई, उस वक्त उसके माता-पिता घर पर नहीं थे. वे किसी की मौत होने पर दूसरे गांव गए थे.
बाथरूम का दरवाज़ा अंदर से बंद था. गांव वालों ने पुलिस को इसकी सूचना दी. पुलिस के आने के बाद दरवाज़ा तुड़वाया गया.
लड़की के मां-बाप जब वापस लौटे तो उनके घर में भी मातम पसरा था. बेटी की लाश उनकी आंखों के सामने पड़ी थी. पुलिस ने पोस्टमॉर्टम करवाया और 1 मई को लड़की को दफ़ना दिया गया.
लड़की के परिजनों के मुताबिक़ कुछ लोग रात के वक्त लड़की को बहला-फुसला कर घर से ले गए, उसके साथ बलात्कार किया और फिर बाद में सड़क पर छोड़ कर चले गए.
बीबीसी को मिली जानकारी के मुताबिक अभियुक्त जब अपनी दो मोटरसाइकिलों पर घटनास्थल से भाग रहे थे तो वे सड़क दुर्घटना के शिकार हो गए.
बाद में उन्हें भी अस्पताल पहुंचाया गया. उनमें से एक मोटरसाइकिल पुलिस ने घटनास्थल से बरामद की.
अभियुक्तों में से एक लड़की का रिश्ते में भाई लगता है.
मुक़दमा वापस लेने का दबाव
जब हम वहां पहुंचे तो बहुत से लोग मृतक लड़की के घर पर मौजूद थे. हमें बताया गया कि वो सभी गांव के लोग नहीं, रिश्तेदार ही थे और उनमें से कुछ अभियुक्तों की तरफ़ से मान-मनौव्वल के लिए वहां आए थे.
वहां मौजूद एक अभियुक्त के चाचा ने कहा कि ''मेरे भतीजे ने कोई ग़लत काम नहीं किया है. उसे तो तब बुलाया गया था जब बाक़ी अभियुक्तों का ऐक्सीडेंट हुआ. उसने उन्हें अस्पताल ले जाकर छोड़ दिया.''
लड़की के पिता और रिश्तेदारों का कहना है कि उन पर मुक़दमा वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है. ये दबाव ना सिर्फ़ अभियुक्त के परिवारों की तरफ़ से बल्कि गांव के लोगों की तरफ़ से भी है.
कथित रूप से बलात्कार की शिकार लड़की के दो भाई और छह बहने हैं. कुल नौ भाई-बहनों में वो आठवें नबंर पर थी. उसके पिता खेती-बाड़ी कर परिवार का भरण-पोषण करते हैं.
लड़की की एक बहन ने बताया, "जब वो होश में आई, तो सिर्फ़ 10-15 मिनट ही हमारी बात हुई. उसने एक लड़के का नाम लिया. उसने आगे कहा कि उस लड़के ने उसे थप्पड़ मारा और गिरा दिया."
बी-कॉम कर रही लड़की की बहन कहती हैं, "मैं भी कॉलेज जाती हूं और डरती हूँ कि कभी मेरे साथ भी ऐसा ही कुछ न हो जाए."
क्या कहना है पुलिस का
जब पुलिस से जानकारी लेने के लिए हम थाने पहुंचे तो वहां काफ़ी भीड़ जमा थी.
मामले के बारे में पूछने पर एक पुलिस कांस्टेबल ने बताया कि वहां उसी मामले में अभियुक्तों के परिवार वाले आए हुए हैं.
उनके जाने के बाद एसएचओ जयभान त्यागी ने बताया कि 'मामले में आठ लोगों पर मुक़दमा दर्ज किया गया है. उन सभी पर बलात्कार की धाराओं के साथ-साथ पोक्सो एक्ट भी लगाया गया है क्योंकि लड़की नाबालिग थी. उसकी उम्र 17 साल थी.'
हालांकि इस मामले में अभी तक किसी की गिरफ़्तारी नहीं हुई है. पुलिस का कहना है कि सभी अभियुक्त फ़रार हैं.
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क्या मामले को दबाया जा रहा है?
जब मैंने गांव वालों से घटना के बारे में बात करना चाही तो सभी ने इनकार कर दिया. क्या हुआ था, इस सवाल पर वे यह कहते हुए वहां से चले गए कि उन्हें कुछ पता नहीं है.
लड़की के मौसा कहते हैं, "कई दिन हो गए हैं, लेकिन कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है. ये हाल तब है जब सभी अभियुक्तों के नाम तक दे दिए गए हैं, हमारे साथ अन्याय हो रहा है."
लड़की के एक भाई का कहना है कि "अगर ये हरकत किसी हिंदू लड़की के साथ होती तो क्या हालात ऐसे ही होते? क्योंकि लड़की मुसलमान है, धर्म और गांव की इज्ज़त बचाने के नाम पर मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है."
बहरहाल पुलिस मामले की हर कोण से जांच करने की बात कह रही है, अभियुक्त फ़रार हैं और लड़की के घर में मातम का सन्नाटा फैला है.