ग्राउंड रिपोर्ट: 'शांति बहाली' के बावजूद कासगंज में आगज़नी, तनाव बरकरार
शनिवार देर रात से रविवार रात तक आगजनी की कई घटनाएं हो चुकी हैं.
कासगंज में 26 जनवरी से भड़की सांप्रदायिक हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही है.
दिन में प्रशासन की ओर से बुलाई गई शांति बैठक के बाद कुछ दुकानें ज़रूर खुल गईं और सड़कों पर आवागमन भी सामान्य हो गया लेकिन देर रात आगजनी की कुछ घटनाओं ने प्रशासन के शांति बहाल होने के दावे की हवा निकाल दी.
मनोटा मोहल्ले में रविवार को रात दस बजे एक बंद पड़े मकान में आग लगा दी गई. इसके अलावा रेलवे स्टेशन के पास एक सैलून में भी आग लगा दी गई.
शनिवार देर रात से रविवार रात तक आगजनी की कम से कम आधा दर्जन घटनाएं हो चुकी हैं.
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चार दिनों से जारी हिंसा
हालांकि कासगंज के ज़िलाधिकारी आरपी सिंह का कहना है कि आगजनी की कोई घटना सामने नहीं आई है.
बीबीसी से बातचीत में उन्होंने बताया, "तीन घटनाओं की हमें सूचना मिली थी लेकिन सभी ग़लत निकलीं. जिस मकान में आग लगने की बात हो रही है वो किसी ने लगाई नहीं बल्कि शॉर्ट सर्किट से लगी है. स्थिति बिल्कुल सामान्य है. स्कूल-कॉलेज के अलावा बैंक और अन्य संस्थान भी आज से खोले जा रहे हैं."
डीएम का कहना है कि फ़िलहाल अन्य ज़िलों से आई पुलिस और सुरक्षा बलों को तैनात रखा गया है लेकिन एक-दो दिन में जब स्थिति पूरी तरह से सामान्य हो जाएगी तब उन्हें वापस भेज दिया जाएगा.
पिछले चार दिनों से जारी हिंसा में अब तक कुल 112 लोगों को हिरासत में लिया है. रविवार रात अलीगढ़ रेंज के आईजी डॉक्टर संजीव गुप्ता ने एक प्रेस वार्ता में ये जानकारी दी.
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राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून
डॉक्टर संजीव गुप्ता ने बताया कि हिरासत में लिए गए 31 लोगों के ख़िलाफ़ हत्या और बलवा करने के आरोप में जेल भेजने की कार्रवाई की जा रही है जबकि 51 लोगों को शांति भंग करने के मामले में धारा 151 के तहत जेल भेजा जा रहा है. अन्य लोगों से पूछताछ की जा रही है.
आईजी ने बताया कि यदि ज़रूरत पड़ी तो दोषियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून यानी एनएसए के तहत भी कार्रवाई की जाएगी.
रविवार दोपहर प्रशासन के आला अधिकारियों ने दोनों पक्षों के लोगों, व्यापारियों और राजनीतिक दलों के लोगों के साथ बैठकर शांति बहाली की अपील की थी.
इसके बाद ही बाज़ारों में दुकानों को खोलने का फ़ैसला किया गया.
नदरई गेट और बिलराम गेट इलाक़े की कई दुकानें, ख़ासकर सब्ज़ियों की खुल ज़रूर गई लेकिन दुकानदार फिर भी आशंकित थे.
आर्थिक सहायता की घोषणा
हालांकि प्रशासन ने सुरक्षा बलों के साथ दिन भर संवेदनशील इलाक़ो में मार्च किया और घरों में दबिश भी डाली. इस दौरान बड़ी संख्या में लोग हिरासत में लिए गए.
इस बीच, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कासगंज हिंसा में मारे गए युवक चंदन गुप्ता के परिवार को 20 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है.
प्रमुख सचिव सूचना अवनीश अवस्थी के मुताबिक सहायता राशि सोमवार को उनके परिजनों को सौंप दी जाएगी.
रविवार देर रात मुख्य मंत्री आदित्यनाथ योगी ने प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार और पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह के साथ बैठक कर घटना की पूरी जानकारी ली और पूरे मामले में सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए.