लॉकडाउन में BJP विधायक को यात्रा पास देने वाले अफसर पर सीएम नीतीश ने लिया ये एक्शन
इस मामले को लेकर काफी विवाद हुआ था और जेडीयू के पूर्व उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर सहित आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने भी नीतीश सरकार पर हमला बोला था...
नई दिल्ली। बिहार में उस सरकारी अफसर को सस्पेंड कर दिया गया है, जिसने भाजपा विधायक अनिल सिंह को अपनी बेटी को राजस्थान के कोटा से वापस लाने के लिए यात्रा पास जारी किया था। इस मामले को लेकर काफी विवाद हुआ था और जेडीयू के पूर्व उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर सहित आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने भी नीतीश सरकार पर हमला बोला था। मंगलवार देर रात बिहार सरकार की तरफ से एक नोटिफिकेशन जारी किया गया, जिसमें बताया गया कि हिसुआ विधानसभा सीट से भाजपा के विधायक अनिल सिंह को यात्रा पास जारी करने के लिए नियमों का उल्लंघन करने पर नवादा जिले के सब डिविजनल अधिकारी (SDO) अनु कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है।
अधिकारी ने किया नियमों का उल्लंघन
नोटिफिकेशन में कहा गया है कि लॉकडाउन के दौरान केवल असाधारण और आपातकाल परिस्थितियों में ही यात्रा पास जारी किया जाता है। इसके बावजूद अनु कुमार ने भाजपा विधायक को अंतर-राज्यीय यात्रा पास जारी कर नियमों का उल्लंघन किया। ऐसे में अनु कुमार को लापरवाही बरतने का दोषी माना जाता है। एसडीओ अनु कुमार को मगध डिविजन के डिविजनल कमिश्ननर से अटैच करते हुए उनके ऊपर आगे की कार्रवाई के लिए भी नोटिफिकेश में लिखा गया है।
ये भी पढ़ें- कोरोना के बढ़ते संकट में हेल्थ मिनिस्ट्री ने दी सुकून भरी ये दो खबरें
प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार को घेरा
आपको बता दें कि भाजपा विधायक अनिल सिंह को अपनी बेटी को राजस्थान के कोटा से बिहार वापस लाने के लिए 15 अप्रैल को यात्रा पास जारी किया गया था। अनिल सिंह की बेटी कोटा में मेडिकल की पढा़ई कर रही हैं। इस मामले को लेकर बिहार की विपक्षी पार्टियों ने सीएम नीतीश कुमार के ऊपर तीखा हमला बोला। दरअसल नीतीश कुमार ने बाकी राज्यों के ऊपर अपने-अपने छात्रों को कोटा से वापस लाने के लेकर सवाल उठाए थे। ऐसे में जब खुद बिहार प्रशासन ने भाजपा विधायक को यात्रा पास जारी किया तो आरजेडी नेता तेजस्वी यादव और जेडीयू के पूर्व उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार को घेर लिया। विपक्षी दलों ने नीतीश कुमार के ऊपर आरोप लगाया कि उन्होंने राज्य के लोगों की चिंता ना करते हुए एक वीआईपी की चिंता की।
सचिवालय की मंजूरी के बिना बाहर गई सरकारी गाड़ी
गौरतलब है कि विधायक अनिल सिंह प्रदेश की विधानसभा में भाजपा के मुख्य सचेतक भी हैं और उन्हें सरकारी स्वामित्व वाली एक गाड़ी मुहैया कराई गई थी। इस मामले में सचिवालय की मंजूरी के बिना सरकारी वाहन को राज्य से बाहर ले जाने के आरोप में स्कॉर्पियो कार चालक को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। हालांकि विधायक अनिल सिंह ने दावा किया है कि अपनी बेटी को कोटा से लाने के लिए उन्होंने सरकारी वाहन का प्रयोग नहीं किया, बल्कि वो अपनी निजी फॉरच्यूनर गाड़ी से राजस्थान गए थे।