पीएम मोदी के अयोध्या जाने से पहले बोले गोविंदाचार्य- राजनीति का 'मुख्य रंग अब हिंदुत्व'
नई दिल्ली- समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता अब भारतीय राजनीति के केंद्र में नहीं रह गए हैं। आरएसएस के पूर्व विचारक और पूर्व भाजपा नेता केएन गोविंदाचार्य ने अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन से एक दिन पहले कहा है कि भारतीय राजनीति का 'मुख्य रंग अब हिंदुत्व' हो गया है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने हिंदुत्व की विचारधारा को अपनाया, इसलिए जनता ने उन्हें स्वीकार किया है। गोविंदाचार्य ने यह भी दावा किया है कि अब विपक्ष के कुछ नेता भी जनता के भावनात्मक महत्त्व को समझने लगे हैं और आने वाले दिनों में हिंदुत्व को लेकर ही सियासी दलों में होड़ लग सकती है। राम मंदिर निर्माण से एक दिन पहले गोविंदाचार्य जैसी शख्सियत का इस तरह का बयान काफी मायने रखता है, क्योंकि उन्हें भारतीय राजनीति का पारखी समझा जाता रहा है।
राजनीति का 'मुख्य रंग अब हिंदुत्व'-गोविंदाचार्य
किसी जमाने में भाजपा के कद्दावर महासचिव रहे केएन गोविंदार्य ने बुधवार को अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों होने जा रही भूमि पूजन और आधारशिला कार्यक्रमों के मद्देनजर हिदुत्व के बढ़ते महत्त्व को लेकर बड़ी बातें कही हैं। उन्होंने मंगलवार को कहा कि अयोध्या में आयोजित कार्यक्रम राष्ट्रीय राजनीति के 'हिंदुत्व की जड़ों की ओर लौटने' का प्रतीक है, जो कि उनके मुताबिक 2010 के बाद मजबूत होने से पहले दशकों तक हाशिए पर छूट चुका था। बता दें कि गोविंदाचार्य 1988-91 में बीजेपी के तत्कालीन अध्यक्ष एलके आडवाणी के विशेष सहायक रह चुके हैं और 1990 की उनकी राम रथयात्रा के मुख्य योजनाकार भी माने जाते हैं। आडवाणी की उसी रथयात्रा से राम जन्मभूमि आंदोलन को गति मिली और भाजपा राष्ट्रीय राजनीति की मुख्यधारा की मजबूत से सबसे शक्तिशाली पार्टी बनती चली गई।
पीएम मोदी ने हिंदुत्व अपनाया और लोगों ने उन्हें- गोविंदाचार्य
पीटीआई को दिए इंटरव्यू में गोविंदाचार्य ये भी कहा है कि जिस तरह से दिग्जविजय सिंह और कमलनाथ जैसे कांग्रसी नेता मंदिर के समर्थन में बोलने लगे हैं, उससे जाहिर होता है कि विपक्ष के कई नेता लोगों के वैचारिक और भावनात्मक महत्त्व को समझने लगे हैं। उन्होंने पीएम मोदी के बारे में कहा कि "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिंदुत्व (की विचारधारा) को अपनाया और इसके बदले में लोगों ने उन्हें स्वीकार किया।" उनका कहना है कि भाजपा की बढ़त का श्रेय काफी हद तक विपक्षी दलों को जाता है और उन्होंने ये भी दावा किया कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी के चलते ही कांग्रेस का पतन हुआ है और लोग उसे नापंसद कर चुके हैं।
'भविष्य में हिंदुत्व की विचारधारा को लेकर होड़ लगेगी'
77 वर्षीय पूर्व भाजपा नेता की कांग्रेस को सलाह है कि उसे महात्मा गांधी के उसूलों की ओर लौटना चाहिए। उनको लगता है कि 1977 में मिली करारी हार के बाद इंदिरा गांधी जब 1980 में सत्ता में वापस लौटीं तो वह हिंदुत्व की भावना को अधिक समझने लगी थीं। उन्होंने उम्मीद जताई कि "हिंदुत्व समर्थक या हिंदुत्व की विचारधारा पर चलने वाली कई पार्टियों के बीच भविष्य में सर्वोच्चता के लिए और इसका लाभ उठाने को लेकर प्रतस्पर्धा हो सकती है।' उनको लगता है कि जैसे 1952-80 और 1980-2010 तक भारतीय राजनीत पर समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता का बोलवाला रहा, हिंदुत्व ने आज वही जगह बना ली है। गोविंदाचार्य ने हिंदुत्व की विचारधारा का बचाव करते हुए कहा कि यह गैर-विरोधात्मक, व्यापक और उपासना के सभी माध्यमों का सम्मान करती है।
राम जन्मभूमि से लोगों का भावनात्मक लगाव-गोविंदाचार्य
गोविंदाचार्य के मुताबिक राम जन्मभूमि आंदोलन ने अपने भावनात्मक लगाव के कारण लोगों को एकजुट किया है। राजनीति के बाहर के कई समूहों और संगठनों ने हिंदुत्व के आंदोलन को आकार देने में अहम भूमिक निभाई। हालांकि, उन्होंने आगे भी भारतीय राजनीति पर बीजेपी ही हावी रहेगी यह कहना मुश्किल है और यह देखना होगा कि पार्टी अपनी राजनीतिक मूल्यों पर अटल रहती है या वह भी कांग्रेसीकरण के दौर से गुजरती है। (तस्वीरें-फाइल)
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