किसानों को फसल का अधिक मूल्य दिलाने के लिए सरकार ने किया कानून में संशोधन का ऐलान
किसानों को मिलेगा पैदावार का वाजिब दाम, आवश्यक वस्तु एक्ट में संशोधन करेगी सरकार
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लगातार तीसरे दिन 20 लाख करोंड़ रुपये के आर्थिक पैकेज के बारे में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी है। वित्त मंत्री ने शुक्रवार को किसानों को बेहतर मूल्य प्राप्ति के लिए आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 में संशोधन करने का ऐलान किया है। निर्मला सीतारमण ने बताया के जल्द ही कृषि उत्पादों में अनाज, खाद्य तेल, तिलहन, दालें, प्याज और आलू को डी-रेगुलेट किया जाएगा। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना संकट में 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया था जिसमें उद्योग जगत से लेकर किसानों तक सहायता राशि पहुंचाने की बात कही गई थी।
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लगातार तीसरे दिन आर्थिक पैकेज को लेकर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा, 'आज की घोषणाओं में कृषि पर बात की जाएगी। वित्त मंत्री ने कहा, मैं आज 11 उपायों की घोषणा करूंगी, जिनमें से 8 बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, क्षमता और बेहतर लॉजिस्टिक के निर्माण से संबंधित हैं, जबकि बाकी 3 शासन और प्रशासनिक सुधारों से संबंधित होंग।' उन्होंने बताया कि सरकार आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन करने जा रही है। इसके साथ ही तिलहन, दलहन, आलू आदि जैसे उत्पादों को इसके जरिए डि-रेग्युलेट किया जा सकेगा।
वित्त मंत्री ने कहा, किसानों की उपज को अच्छा मूल्य उपलब्ध कराने के लिए पर्याप्त विकल्प प्रदान करने को एक केंद्रीय कानून तैयार किया जाएगा, जिससे बाधा रहित अंतरराज्यीय व्यापार और कृषि उपज के ई-ट्रेडिंग के लिए रूपरेखा तैयार की जा सके। किसानों को प्रोसेसरों, एग्रीगेटर्स, बड़े रिटेलर्स, निर्यातकों के साथ निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से जुड़ने के लिए एक सुविधाजनक कानूनी ढांचा बनाया जाएगा। मालूम हो कि आवश्यक वस्तु अधिनियम को 1955 में भारत की संसद ने पारित किया था। तब से सरकार इस कानून की मदद से 'आवश्यक वस्तुओं' का उत्पादन, आपूर्ति और वितरण को नियंत्रित करती है ताकि ये चीजें उपभोक्ताओं को मुनासिब दाम पर उपलब्ध हों।
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