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यूरिया की कमी पर सख्त हुई सरकार, सब्सिडी उर्वरक को अवैध तौर पर बेचने वालीं यूनिट्स पर कार्रवाई

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नई दिल्ली, 08 जून: उर्वरक मंत्रालय के एक अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि फसल पोषक तत्वों की वैश्विक कमी के बीच केंद्र सरकार ने किसानों को मिलने वाले सब्सिडी उर्वरकों के अवैध डायवर्सन पर व्यापक कार्रवाई शुरू कर दी है। किसानों को मिलने वाली ये यूरिया उद्योग धंधे वाले हथिया लेते थे। एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि पिछले एक महीने में केंद्र के उर्वरक विभाग द्वारा मारे गए समन्वित छापे में छह राज्यों की पैकेजिंग इकाइयों को निशाना बनाया गया।

 Government takes action against units selling subsidized fertilizers illegally

हिन्दुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक, यूरिया की चोरी रोकने के लिए उर्वरक विभाग ने 'क्रैक टीम्स' का गठन किया था। जो यूरिया के बड़े पैमाने पर डायवर्जन की रिपोर्ट के बाद एक महीने से अधिक समय से उर्वरकों की घरेलू आवाजाही की निगरानी कर रही है। बता दें इन दिनों दुनियाभर में यूरिया की भारी कमी चल रही हैं। बता दें कि, यूरिया का 45 किलो का एक बैग किसानों को 266 रुपये में बेचा जाता है, लेकिन इसकी बाजार में कीमत 3,000 रुपये के आसपास होती है।

इसी कम कीमत का लाभ लेने के लिए उद्योग सांठ-गांठ से खेती वाले यूरिया की खेप अपनी ओर ट्रांसफर करवा लेते हैं। यूरिया का उपयोग कृषि के अलावा अन्य उद्योगों में भी किया जाता है। जैसे यूएफ राल / गोंद, प्लाईवुड, राल, क्रॉकरी, मोल्डिंग पाउडर, मवेशी चारा, डेयरी, औद्योगिक खनन विस्फोटक में भी यूरिया का इस्तेमाल किया जाता है। पिछले साल वैश्विक आपूर्ति-श्रृंखला में कमी और बढ़ती कीमतों ने देश में उर्वरकों की उपलब्धता को प्रभावित किया था।

जिसका नतीजा यह हुआ कि,पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में यूरिया के लिए किसान हंगामा करते दिखे थे। इस साल उर्वरक की कीमतों में बढ़ोतरी की उम्मीद है। भारत घरेलू मांग को पूरा करने के लिए अपने उर्वरकों का एक तिहाई तक आयात करता है और उर्वरक कंपनियों को मुआवजा देने के लिए भारी सब्सिडी प्रदान करता है जो उन्हें बाजार से कम दरों पर किसानों को बेचते हैं।

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उर्वरक विभाग ने राजस्व अधिकारियों और पुलिस के साथ मिलकर हरियाणा, केरल, राजस्थान, तेलंगाना, गुजरात और उत्तर प्रदेश में 52 इकाइयों को लक्षित किया। इकाइयों ने किसानों के लिए सस्ते यूरिया स्टॉक खरीदे, उन्हें औद्योगिक ग्रेड यूरिया के रूप में दोबारा पैक किया और उन्हें भारी मुनाफे पर औद्योगिक कच्चे माल के रूप में बेचा। जिससे सरकार को भारी नुकसान उठाना पड़ा। अधिकारियों ने किसानों के लिए सब्सिडी वाले उर्वरकों को बाजार दरों पर औद्योगिक उपयोगकर्ताओं को बेचने वाली 38 इकाइयों पर भी छापा मारा। केंद्र ने "धोखाधड़ी करने वाली 25 इकाइयां, जिनमें से अधिकांश महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु और बिहार में स्थित हैं" को रद्द करने का निर्देश दिया है।

भारत, यूरिया और डायमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) का दुनिया का सबसे बड़ा खरीदार है। आपूर्ति में व्यवधान, महंगा कच्चा माल, उच्च माल ढुलाई शुल्क के साथ-साथ निर्यातकों रूस और बेलारूस पर अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण कम वैश्विक उपलब्धता के चलते वैश्विक उर्वरक कीमतों में तेजी से वृद्धि हुई है।

अधिकारियों ने ₹7.5 करोड़ मूल्य के 25,000 बैग (प्रत्येक में 45 किग्रा) सस्ते यूरिया जब्त किए। उन्होंने इन अवैध व्यवसायों में ₹ 63.43 करोड़ नेटवर्क के माल और सेवा कर (जीएसटी) की चोरी का भी पता लगाया। इसमें से, ₹5.14 करोड़ वसूल कर लिए गए हैं। अब तक छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है और सात पर प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज की गई हैं।

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English summary
Government takes action against units selling subsidized fertilizers illegally
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